फर्जी आईडी, पुलिस की वर्दी और टॉय गन… दो साल से ‘सब-इंस्पेक्टर’ बन घूम रहा शख्स ऐसे हुआ गिरफ्तार 

दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो पिछले दो साल से फर्जी सब-इंस्पेक्टर बनकर लोगों के बीच घूम रहा था. आरोपी के पास से पुलिस की वर्दी, फर्जी पहचान पत्र, टॉय गन सहित कई सामान बरामद हुए हैं. आरोपी पुलिस अफसर बनकर सम्मान और आर्थिक लाभ उठा रहा था. फिलहाल पुलिस हिरासत में आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

डीसीपी (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने बताया कि मौर्य एन्क्लेव थाने की पुलिस नियमित गश्त पर थी. इस दौरान पीतमपुरा में एक कार में संदिग्ध हालत में बैठे एक शख्स को देखा गया. उससे पूछताछ की गई, तो पहले उसने अपनी पहचान बताने से परहेज किया, लेकिन दबाव बढ़ने पर दावा किया कि वह द्वारका के साइबर पुलिस थाने में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर है.

पुलिस को उसकी हरकतों पर शक हुआ और उसे थाने ले जाया गया. वहां जब उससे दिल्ली पुलिस की आईडी मांगी गई, तो उसने बहाने बनाने शुरू कर दिए. पीआईएस नंबर पूछने पर भी उसने गलत और भ्रामक जानकारी दी. इसके बाद उसकी गाड़ी की तलाशी ली गई, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए. जांच में आरोपी की पहचान लखपत सिंह नेगी के रूप में हुई.

पुलिस की तलाशी में आरोपी के नाम की चार फर्जी दिल्ली पुलिस आईडी, नेमप्लेट वाली पुलिस वर्दी, तीन मोबाइल फोन, पुलिस विभाग के हथियार जैसा दिखने वाला होल्स्टर लगा टॉय गन, एक बेरेट कैप, एक नुकीला कैप, फ्लोरोसेंट जैकेट, दिल्ली पुलिस के स्टिकर, प्रतिष्ठित अधिकारियों के बैज, फाइल कवर, अदालती समन और आठ डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद हुए.

दो साल से चल रहा था फर्जी खेल

पुलिस की जांच में सामने आया कि ये स्टिकर आरोपी ने ऑनलाइन मंगवाए थे. 36 वर्षीय लखपत सिंह नेगी स्नातक है. वो पहले एकाउंटेंट रह चुका है. पूछताछ में उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि वो पिछले दो साल से दिल्ली पुलिस का फर्जी अफसर बनकर घूम रहा था, ताकि लोगों से सम्मान पा सके और उनसेआर्थिक लाभ उठा सके. अपनी योजना में वो सफल था.

फर्जीवाड़े में ऐसे बरती सावधानी

डीसीपी का कहना है कि आरोपी के पास मौजूद सामान से साफ है कि उसने बड़ी बारीकी से फर्जीवाड़ा किया था. वर्दी से लेकर नकली आईडी, बैज, पुलिस स्टिकर, यहां तक कि फाइल कवर और कोर्ट समन तक, सब कुछ इस तरह जुटाया गया था कि वह असली पुलिस अफसर लगे. हालांकि, उसका कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

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