सहारनपुर : जिला कारागार में एक फर्जी पत्र ने प्रशासन में हड़कंप मचा दिया.राष्ट्रपति भवन के नाम पर भेजे गए इस पत्र में हत्या के आरोपी बंदी अजय की समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया था.जेल प्रशासन ने पत्र को संदिग्ध मानते हुए मामले की जांच शुरू कराई और थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है.
कुछ दिन पहले सहारनपुर जिला जेल को डाक के माध्यम से एक पत्र मिला. इस पत्र में राष्ट्रपति भवन का हवाला देते हुए लिखा गया था कि थाना सरसावा के झरौली निवासी अजय पुत्र रामपाल को समय से पूर्व रिहा कर दिया जाए. अजय को 24 नवंबर 2024 को हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
मामला अभी जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित है.पत्र में यह भी दावा किया गया था कि आदेश “राष्ट्रीय विशेष अदालत, राष्ट्रपति भवन” की ओर से जारी किया गया है.जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने पत्र की वैधता को लेकर संदेह जताया.
बंदी अजय का पूरा ब्योरा खंगाला गया, लेकिन ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया, जिससे यह पुष्टि हो सके कि राष्ट्रपति भवन की ओर से आदेश जारी किया गया है. इसके बाद अधीक्षक ने थाना जनकपुरी में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया . प्रथम दृष्टया यह मामला फर्जीवाड़े का प्रतीत हो रहा है.
जेल प्रशासन का मानना है कि किसी ने बंदी की रिहाई के लिए यह चाल चली है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पत्र किसने भेजा और इसका उद्देश्य क्या था.थाना जनकपुरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने बताया, “पत्र की सत्यता संदिग्ध लग रही है. कोर्ट में भी इस तरह के किसी आदेश की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस अब पत्र की जांच अपने स्तर पर करेगी