रायपुर में शराब बोतलों में लगने वाला नकली होलोग्राम और ढक्कन पकड़ाया है। आबकारी विभाग ने टाटीबंध के एक ढाबा और बीरगांव की एक प्रिंटिंग शॉप में दबिश दी। यहां से करीब 40 हजार होलोग्राम और शराब के ढक्कन जब्त किए हैं।
इसके अलावा आरोपियों के पास से पेन ड्राइव और मोबाइल भी मिले हैं। जांच पड़ताल के बाद नकली होलोग्राम से जुड़े बड़े रैकेट का भी खुलासा होने की संभावना है। इस पर कांग्रेस ने कहा कि, क्या अब CBI, ED इसकी जांच करेगी।
कैसे हुआ खुलासा?
यह पूरा मामला आमानाका थाना क्षेत्र का है। जेबा खान ने पुलिस को बताया कि वह टाटीबंध सर्किल की सहायक आबकारी अधिकारी है। 20 अप्रैल को उन्हें खुफिया इनपुट मिला कि टाटीबंध बायपास रोड के पास तेंदुआ गांव में ढाबे पर अवैध शराब बिक रही है। आबकारी विभाग की टीम ने बीएच ढाबा में जाकर रेड मारी। मौके पर ढाबा मालिक संकट मोचन सिंह मिला।
थैले के अंदर होलोग्राम और ढक्कन मिले
अफसरों ने जब जांच पड़ताल कि तो ढाबा में एक थैले से 105 नग ढक्कन मिले। इसमें वेलकम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड बिलासपुर, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड के 165 स्पंज वायसर, 1460 नकली होलोग्राम, 1150 देसी शराब की बोतलें मिली।
पूछताछ में खुले और राज
ढाबा मालिक से इन सामान को लेकर पूछताछ की गई। उसने बताया कि होलोग्राम को उसने बीरगांव के एक प्रिंटिंग शॉप से लिया था। इस पर आबकारी विभाग ने बीरगांव के प्रिंटर्स गणेश चौरसिया की दुकान पर रेड मारी।
पेन ड्राइव मोबाइल से होगा खुलासा
दुकान की तलाशी लेने पर देसी शराब में उपयोग होने वाला नकली होलोग्राम की 371 शीट मिली। इस शीट में 40 हजार से ज्यादा नकली होलोग्राम थे। दुकान संचालक ने बताया कि उसे होलोग्राम छापने का ऑर्डर मिला था। टीम ने प्रिंटर्स के पास से मोबाइल और पेन ड्राइव जब्त किया है।
इन मोबाइल और पेन ड्राइव की जांच पड़ताल के बाद यह सामने आ पाएगा कि नकली होलोग्राम रैकेट का सरगना कौन है। यह किस तरह संचालित किया जाता था। फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।