सूरत के डुमस स्थित VYPD डोम में आयोजित गरबा पंडाल में एक युवक ने खुद को पुलिस सब इंस्पेक्टर बताकर दो दिनों तक VIP एंट्री हासिल की। उसके पास एक वॉकी-टॉकी और पुलिस की वर्दी थी, जिससे वह आयोजकों और अन्य लोगों पर रौब जमाता था। इसकी भनक सूरत पुलिस की जोन-7 डिप्टी कमिश्नर शेफाली बरवाल को लगी, जिन्होंने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह एक व्यापारी का बेटा है और पुलिस अधिकारी बनकर गरबा पंडाल में प्रवेश कर रहा था। उसने आयोजकों को यह दिखाने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ अपनी तस्वीरें भी दिखाई। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
यह घटना सूरत में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर करती है, जहां एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी बनकर न केवल आयोजकों को धोखा दिया, बल्कि सार्वजनिक स्थान पर अनुशासन भी भंग किया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया, जिससे आयोजकों और अन्य लोगों में सुरक्षा के प्रति विश्वास बना रहा।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा की सख्त निगरानी और सत्यापन की आवश्यकता है, ताकि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचा जा सके और सार्वजनिक शांति बनाए रखी जा सके।