सौ करोड़ से ज्यादा कीमती जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले गिरोह पर पंढरीनाथ थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी ने रिपोर्ट में रसूखदारों के नामों का उल्लेख किया है। फर्जीवाड़ा उषानगर,न्याय विभाग कर्मचारी संस्था और देवी अहिल्या एजुकेशन ट्रस्ट सहित कई जगहों की जमीन में होना पाया गया है। अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। कलेक्टर आशीषसिंह ने फर्जी रजिस्ट्री कांड की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया था।
कई जगहों पर कमेटी को व्हाईटनर लगा मिला
टीम ने 20 संपत्तियों का ब्योरा पुलिस को सौंपा जिसमें जालसाजों द्वारा फर्जी तरीकों से रजिस्ट्री करवाई गई थी। इस गिरोह ने अफसर और बाबूओं से मिलीभगत कर रिकॉर्ड में भी हेराफेरी कर दी थी। कई जगहों पर तो कमेटी को व्हाईटनर लगा मिला था। मामले में शनिवार देर रात पंढरीनाथ थाना में एफआइआर दर्ज कर ली गई। टीआई अजय राजौरिया के मुताबिक आरोपित ऐसी संपत्तियों को चुनता था जिनके मालिक बाहर रहते थे। हस्तीमल नामक एक आवेदक ने सबसे पहले फर्जीवाड़ा पकड़ा। मुंबई रहने वाला हस्तीमल संपत्ति कर जमा करवाने आया तो उसकी संपत्ति किसी अन्य के नाम से मिली। उसकी शिकायत पर जांच हुई और कुल 20 संपत्तियां सामने आई।
जांच कमेटी की रिपोर्ट में इन 20 संपत्तियों का ब्योरा दर्ज
राधाबाई और प्रभुलाल कंवरलाल (ग्राम नैनोद), प्रभुलाल कंवरलाल और सुरेंद्रसिंह ठाकुर (नैनोद), रामरतन औंकारलाल और भूरी बाई (खजराना), न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था और नरेंद्र कुमार शिवकुमार (न्यायनगर), रामचंद्र पुराणिक और लालसिंह चौहान, दूर्गासिंह तोमर (बिहाड़िया), रामचंद्र पुराणिक और सुरेंद्रसिंह ठाकुर (बिहाड़िया), छीतर छोगालाल, नितिन मोहनलाल अग्रवाल। पिपल्याहना
इस भूमि के रिकॉर्ड में क्रेता के नाम के आगे व्हाइटनर लगा है।
मूसाखेड़ी स्थित इस भूमि के रिकार्ड में भी व्हाइटनर लगाकर आशीष निवासी स्कीम-54 का नाम लिखा गया है। भंवरसिंह और गणेश प्रसाद (पालाखेड़ी), लक्ष्मीदेवी और अतुल शुक्ला (बुढानिया), उषा नगर गृह निर्माण सरकारी संस्था और गोविंद सोनी (उषानगर), राजकिर्ती जैन और राधीबाई, गीता रामचंद्र (खजराना), देवी अहिल्या एजुकेशन ट्रस्ट और भंवरला (छोटा बांगड़दा), सूरजमल हरकचंद और देवीदास (मनोरमागंज), बसंत सदाशिव और कमल पंवार (उषानगर), देवी अहिल्या होल्कर एजुकेशन ट्रस्ट और प्रहलाद ग्यारसीलाल, सरजू बाई (छोटा बांगड़दा), संतोष गावड़े और सुरेंद्र यादव (बिलौली हप्सी)