फर्जी इलाज, बिना लाइसेंस अस्पताल! समस्तीपुर में 7 नर्सिंग होम पर बड़ी कार्रवाई, ताले लटके

बिहार समस्तीपुर : समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाने में PHC प्रभारी डॉ. हैदर ने 7अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराए है.पीएचसी प्रभारी ने बताया है कि सिविल सर्जन ने कुछ दिनों पूर्व ही इन नर्सिंग होमों की जांच कराई थी.जिसमें 7 नर्सिंग होम प्रथम दृष्टया अवैध पाये गये. अधिकांश नर्सिंग होम संचालक के पास किसी प्रकार का कोई कागजात ही नहीं है.जबकि नर्सिंग होम में टेक्नीशियन ऑपरेशन का काम करते देखा गया.

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जिसके पास कोई डॉक्टर नहीं है.फिर भी नर्सिंग होम चला रहे हैं। सिविल सर्जन ने इसको लेकर पत्र जारी कर 7 नर्सिंग होम को अवैध घोषित कर दिया.जिसके आधार पर प्राथमिक दर्ज करायी गयी है। इस बड़ी कारवाई की जानकारी मिलते ही  क्षेत्र सभी नर्सिंग होम में ताला लटक गया.

वहीं कल्याणपुर थाना के थानाध्यक्ष राकेश शर्मा का बताया है कि विभागीय आदेश के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.

इन नर्सिंग होम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है

कल्याणपुर गांव निवासी पप्पु झा द्वारा संचालित कल्याणपुर चौक यूको बैंक के निकट स्थित मे. भगवती सेवा सदन, बरहेत्ता के निलेन्दु कुमार ठाकुर द्वारा संचालित बरहेत्ता चौक स्थित निष्ठा पॉली क्लिनिक, डॉ. फैजल द्वारा संचालित PHC कल्याणपुर के पास भारत चाइल्ड केयर, कल्याणपुर निवासी निर्भय राय द्वारा संचालित कल्याणपुर चौक एमके ड्रग के पास सेवा सदन, कुढ़वा निवासी रोशन कुमार द्वारा संचालित बरहेत्ता चौक स्थित मेडिफाइन हेल्थ केयर एवं रिसर्च सेंटर, मुक्तापुर शिवनंदनपुर निवासी डॉ. प्रदीप चौधरी द्वारा संचालित कल्याणपुर थाना के पास स्थित शिव गुरु सेवा सदन, डॉ. शकील अहमद द्वारा संचालित कल्याणपुर चौक पर पूसा रोड कब्रिस्तान के पास स्थित शांति हास्पीटल शामिल है.

    बताते चलें कि आमलोगों से प्राप्त शिकायतों के बाद सिविल सर्जन ने वहां के निजी अस्पतालों की जांच जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विशाल कुमार से करायी थी.उनके द्वारा 7 निजी नर्सिंग होम की जांच कर प्रतिवेदन सिविल सर्जन को किया गया था.जांच के क्रम में सभी नर्सिंग होम चालू अवस्था में मिला। नर्सिंग होम में मरीज भी थे। लेकिन कोई भी सक्षम डॉक्टर मौजूद नहीं थे.

जबकि किसी भी अस्पताल के पास पॉल्यूशन, बायोमेडिकल बेस्ट,और फायर से निबंधन नहीं पाया गया.जांच में पाया गया कि एक नर्सिंग होम के द्वारा अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालन किया जा रहा था.लेकिन अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं मिला.इससे स्पष्ट हुआ कि संबंधित नर्सिंग होम के द्वारा किसी अन्य जगह पर अल्ट्रासाउंड का संचालन किया जा रहा है.

बताते चलें कि जिले के सभी प्रखंडों में सैकड़ों की संख्या में अवैध नर्सिंग होम बिना किसी रजिस्ट्रेशन और डॉक्टर के ही संचालित हो रहा हैं, जिससे कई बार मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही हैं, हो हंगामा होता हैं फिर पैसे का खेल बाद में मामला शांत होने के बाद फिर अवैध नर्सिंग होम खुलेआम चलता है, खास तौर पर अधिकांश फर्जी नर्सिंग होम सरकारी संस्थान के इर्द गिर्द ही दिखता हैं.

थाना, प्रखंड मुख्यालय, पीएचसी आदि.वहीं बिना किसी उचित व्यवस्था और बिना लाइसेंस का ही हजारों की संख्या में दवा दुकान भी जिला में संचालित है, अधिकांश लोग यह भी बताते हैं कि सिविल सर्जन और पीएचसी प्रभारी की मिलीभगत से ही अवैध नर्सिंग होम चल रहा हैं वहीं ड्रग इंस्पेक्टर सभी अवैध दवा दुकानदार से फिक्स कमीशन लेते हैं और संरक्षक बने हुए हैं.समस्तीपुर जिले में सही से जांच किया जाएगा तो सैकड़ों फर्जी नर्सिंग होम और हजारों मेडिकल शॉप भी सील होगा.

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