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दुकान और घर गिरते देख फफक पड़े परिवार, गोकर्ण तीर्थ में प्रशासन की ध्वस्तीकरण कार्रवाई

लखीमपुर खीरी: खीरी के गोला गोकर्णनाथ के शिव मंदिर कॉरिडोर में प्रशासन की ध्वस्तीकरण कार्रवाई चल रही है. गोकर्ण तीर्थ के पास ध्वस्त कराई गई दुकानों के पीछे घर को भी ढहा दिया गया.दुकान और मकान को गिरता देख परिवार फफक कर रो पड़ा.

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गोकर्ण तीर्थ के सामने कृपाशंकर, बिंदु शाह, बबली सिंह, राजेंद्र अग्रवाल और नीलम सिंह की दुकानें प्रशासन ने आनन-फानन ध्वस्त करा दी थीं.हालांकि नीलम सिंह के विरोध करने पर प्रशासन ने निर्माण का कुछ हिस्सा ध्वस्त करने से रोक दिया था.आज शाम प्रशासन की टीम ने शेष हिस्से सहित नीलम सिंह के घर को भी बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया.

दुकान और घर गिरता देख परिवार फफक कर रो पड़ा.ध्वस्त किए गए स्थान पर स्वर्गीय महेंद्र सिंह की पत्नी नीलम सिंह, स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह की पत्नी बबली सिंह, स्वर्गीय विक्रम शाह की पत्नी संतोष कुमारी, स्वर्गीय शिवकुमार की पत्नी बिंदु शाह लाई प्रसाद और विसातखाना की दुकान कर अपने परिवार का भरण पोषण करती थीं.

परिवार के सामने रोटी-रोजी का संकट

रोजी रोटी का जरिया दुकान और बेघर हो जाने से इन परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है.हालांकि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने प्रभावित परिवारों को पुनर्स्थापित करने का आश्वासन दिया है, लेकिन तत्काल रूप से प्रभावित परिवारों को कहीं भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही.

प्रशासन पर लगाया ये आरोप

अग्निहोत्री परिवार के सचेंद्र अग्निहोत्री, संजीव अग्निहोत्री, अश्विनी अग्निहोत्री और कमल अग्निहोत्री ने बताया कि गोकर्ण तीर्थ स्थित उनके परिवार का हंसराम मूलचंद अग्निहोत्री धर्मशाला बगैर प्रपत्रों की जांच किए गिरा दिया गया.कमेटी को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई. प्रशासन ने खेल कर भूमि को नजूल में घोषित कर दिया है, जबकि उन्होंने एसडीएम, विधायक और डीएम से मिलकर वास्तविक स्थिति से अवगत कराया था.

 

सभी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था.धर्मशाला की भूमि को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है.अग्निहोत्री परिवार ने मांग की कि धर्मशाला के बराबर भूमि दी जाए, ताकि पूर्वजों की निशानी फिर से स्थापित की जा सके। साथ ही उचित मुआवजा दिलाया जाए.

 

एसडीएम गोला विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि नजूल की भूमि की कस्टोडियन सरकार होती है.इसलिए नजूल की भूमि पर कराया गया बैनामा अवैध माना जाएगा या जब तक सरकार ने भूमि को फ्री होल्ड न किया हो.

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