छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के गुमझिर ग्राम पंचायत के अंड़ेंगा गांव में चार परिवारों को धर्म परिवर्तन के बाद सरकारी योजनाओं से बाहर कर दिया गया है। चारों पीड़ित परिवारों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की है।
धर्म परिवर्तन करने वाले महरू राम पटेल, बिसराम ध्रुवा, फुलसाराम गोटा और विनेश कुमेटी ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन बताया कि उन्होंने स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपनाया है, जिससे उन्हें मानसिक और आत्मिक शांति मिली, लेकिन इसके बाद गांव के जनप्रतिनिधियों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया। इसके बाद उन्हें मनरेगा में काम करने से रोक दिया है।
पीड़ितों ने बताया कि अब उन्हें न तो मनरेगा के तहत काम मिल रहा है, न ही किसी सरकारी योजना का लाभ। गांव में उन्हें किसी कार्य में भी भाग नहीं लेने दिया जा रहा है।
तेंदूपत्ता बेचने पर भी लगा जुर्माना
पीड़ितों ने बताया कि वे तेंदूपत्ता तोड़कर सरकार की योजना का लाभ लेना चाहते थे, लेकिन उनसे पहले 6 हजार रुपए जुर्माने के रूप में जमा करने की शर्त रखी गई। मजबूरी में तेंदूपत्ता घर में पड़ा-पड़ा सूख गया, जिससे उनकी आर्थिक हालत और खराब हो गई।
थानेदार ने भेज दिया तहसीलदार के पास
परिवारों ने बताया कि तंग आकर जब उन्होंने आमाबेड़ा थाने में शिकायत की, तो उन्हें तहसील कार्यालय भेज दिया गया। वहां से उन्हें कलेक्टर कार्यालय भेजा गया। पीड़ितों का कहना है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर लगातार भटक रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिल पाया है।
जिलाधिकारी ने दिया आश्वासन
पीड़ितों ने बताया की कलेक्टर से मुलाकात के बाद उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।