दुर्ग जिले में 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या मामले में परिजनों ने आरोपी के नार्को टेस्ट की मांग की है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है। बता दें कि इस घटना के लिए बच्ची के चाचा को आरोपी बनाया गया है जबकि परिजनों का कहना है कि गुनहगार कोई और है।
मामला मोहन नगर थाना क्षेत्र का है। जहां 6 अप्रैल को एक बच्ची की लाश कार के डिक्की में मिली थी। जांच में रेप और हत्या की बात सामने आई थी। इस पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है। रविवार को SIT ने घटनास्थल से कुछ ब्लड सैंपल लेकर उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की बात कही है।
वहीं, परिजनों का कहना है कि पुलिस जांच के लिए आई थी, कहीं कुछ नहीं मिला तो ब्लड सैंपल के नाम पर लाल कपड़ा ले गई। उन्होंने ये भी कहा है कि अगर SIT जांच नहीं कर पा रही तो जांच CBI को सौंप दे।
पुलिस के पास कोई ठोस एविडेंस नहीं – परिजन
आरोपी की बहन का कहना है कि उसका भाई सोमेश यादव घर की छत पर बने इस कमरे में सोता था जो की अभी पूरी तरह खुला है। वहां एक दरी, एक चटाई, साड़ी और कुछ कपड़े रखे थे।
पुलिस की टीम यहां जांच करने आई। पुलिस ने वहां पड़ा लाल रंग का कपड़ा देखा और कहा कि ये ब्लड सैंपल है। इसके बाद पुलिस उसे जब्त करके ले गई। परिजनों का कहना है कि पुलिस के पास कोई ठोस एविडेंस नहीं है वो इसी तरह के गलत एविडेंस के आधार पर निर्दोष को फंसा रही है और आरोपी को बचा रही है।
बच्ची के चप्पल और पर्स पुलिस खुद लेकर गई ऊपर
पुलिस ने घटनास्थल से लाल कपड़े के नीचे से मृतक मासूम के चप्पल और पर्स जब्त करने की बात कह रही है। इस पर पीड़ित परिजनों का कहना है कि मासूम जब कन्याभोज के लिए आई थी तो चप्पल घर में नीचे उतार दी थी। खेलते समय उसका पर्स भी वहीं था।
पुलिस जब उनके घर आई तो उन्होंने खुद बच्ची का पर्स पुलिस को दिया। पुलिस ने नीचे से बच्ची के चप्पल उठाए और ऊपर कमरे में जाकर वो चीजें दरी के नीचे से मिलना दिखा दिया।
परिजनों ने कहा पुलिस नार्को टेस्ट करा ले
मृतक बच्ची के परिजन और माता पिता का कहना है कि असली आरोपी खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें दुर्ग पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। पुलिस सोमेश यादव का नार्को टेस्ट करा ले इससे साफ पता चल जाएगा कि वो आरोपी है या नहीं।
अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए। परिजनों ने कहा कि उन्हें सिर्फ यह जानना है कि बच्ची के साथ इस घटना को अंजाम किसने दिया है। इसके लिए जो भी करना पड़े वो तैयार हैं।
पड़ोस की छत से दिखता है वारदात वाले कमरे का एक-एक कोना
जिस कमरे में बच्ची के साथ रेप होना बताया जा रहा है वो अधूरा बना है। उस कमरे में गेट ना होने से उसके सामने जो घर है वहां की छत से पूरा कमरा दिखता है। इसके साथ ही कमरे में एक खिड़की का फ्रेम बना है, लेकिन खिड़की नहीं बनी। वहां से बगल की बालकनी से सब साफ दिखाई देता है। इस तरह दिन के समय उस कमरे में कोई कुछ भी करेगा तो पता चल जाएगा।
ऐसे में सोमेश यादव ने अपनी भतीजी के साथ हैवानों जैसा बर्ताव किया तो फिर किसी ने क्यों नहीं देखा, जबकि घटना के दिन मोहल्ले में रामनवमी होने से दिन भर चहल पहल थी। परिजनों ने कहा कि पुलिस के पास भी इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।
सीसीटीवी कैमरा दिन में बंद शाम को चालू
जिस कार में बच्ची की लाश मिली उसके ठीक सामने बने एक घर में सीसीटीवी कैमरा लगा है। घर के मालिक से पूछा गया तो उसने कहा कि दिन में वो कैमरे को बंद कर देता है और रात को चालू कर देता है।
ऐसे में दिन में कौन बच्ची को लाया बच्ची कार में कैसे पहुंची इसका कोई रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है। पुलिस घर में लगे कैमरे का फुटेज देखने के लिए वहां का डीवीआर जब्त करके ले गई है।