रायसेन कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार दोपहर एक किसान अपनी मूंग की फसल का भुगतान नहीं मिलने से आहत होकर पेड़ पर चढ़ गया। किसान ने रस्सी लेकर आत्महत्या की चेतावनी दी और कुछ देर तक पेड़ से लिपटकर बैठा रहा। मौके पर भीड़ जुट गई। बाद में प्रशासन ने समझाइश देकर किसान को सुरक्षित नीचे उतारा।
40 क्विंटल मूंग की तुलाई के बाद भी नहीं मिला भुगतान
देवरी तहसील के केकड़ा गांव के किसान गल्ला रज ने बताया कि उसने करीब 40 क्विंटल मूंग सरकारी केंद्र पर बेची थी, जिसकी तुलाई हो चुकी है। लेकिन कई माह बीतने के बावजूद उसे भुगतान नहीं मिला।
किसान ने बताया कि उसकी तरह 10 अन्य किसान भी हैं, जिनके भुगतान लंबित हैं। आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में वह मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गया था।
घटना के दौरान कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा लंच कर रहे थे। जानकारी मिलते ही वे तुरंत मौके पर लौटे और जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। वहीं, जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया भी मौके पर पहुंचीं और किसान को समझाने की कोशिश की। मौके पर बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और आम लोग एकत्रित हो गए।
समझाइश के बाद नीचे उतरा किसान
कई बार समझाने-बुझाने के बाद किसान गल्ला रज नीचे उतरने को राजी हुआ। इसके बाद कलेक्टर के गनमैन और कर्मचारियों ने पूरी सुरक्षा के साथ उसे पेड़ से नीचे उतारा। नीचे उतरने के बाद किसान को कलेक्टर के पास ले जाया गया, जहां उन्होंने उसकी बात ध्यान से सुनी।
कलेक्टर ने डीएमओ कल्याण सिंह को तत्काल भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। साथ ही शेष किसानों के भुगतान की स्थिति की भी समीक्षा करने को कहा।