खंडवा जिले के किल्लोद तहसील न्यायालय में एक किसान का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब वह बार-बार चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई न होने से आक्रोशित हो गया। नक्शा दुरुस्ती प्रकरण को लेकर एक साल से न्यायालय के चक्कर लगा रहे किसान रामदास राठौर ने गुरुवार को नायब तहसीलदार के सामने ही दस्तावेज फाड़ दिए। इसके बाद मौजूद अफसरों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किसान को जेल भेज दिया।
एक साल से न्याय के लिए भटक रहा था किसान
किसान रामदास राठौर लंबे समय से अपने नक्शा दुरुस्ती प्रकरण को लेकर न्यायालय पहुंच रहा था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। मामले का वीडियो दो दिन बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद यह घटना सामने आई। किसान के भाई अर्जुन राठौर ने बताया कि गुरुवार को रामदास जब तहसील कोर्ट पहुंचा, तो उसने वकील से दस्तावेज दिखाने की बात की। इस पर वकील ने उसे संबंधित कागज नायब तहसीलदार से मंगाने को कहा।
सीएम हेल्पलाइन पर भी कर चुका था शिकायत
परिजनों का कहना है कि रामदास ने इस प्रकरण को लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की थी। लेकिन हर बार उसे टाल दिया गया। गुरुवार को जब उसने दस्तावेज मांगे तो नायब तहसीलदार आनाकानी करने लगे। बाद में कुछ कागज थमा दिए गए। गुस्से में रामदास ने उन कागजों को तहसीलदार के सामने ही फाड़ डाला।
परिजनों और अफसरों में विवाद
किसान के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि फाड़े गए कागज नक्शा दुरुस्ती प्रकरण से जुड़े नहीं थे, जबकि नायब तहसीलदार का कहना है कि वही कागज प्रकरण से संबंधित थे। इस विवाद के बीच एसडीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किसान रामदास राठौर को जेल भेजने का आदेश दिया।
इस घटना के बाद ग्रामीणों और किसान संगठनों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को किसान की बात सुननी चाहिए थी। एक साल से न्याय की तलाश कर रहे किसान को जेल भेजना संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है। अब यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।