उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कैंट थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव निवासी किसान राजकुमार एक बड़ी जमीन खरीदने के प्रयास में धोखाधड़ी और धमकियों का शिकार हो गए. राजकुमार ने अपनी कीमती जमीन बेचकर नई जमीन खरीदनी चाही थी, लेकिन उन्हें जाल में फंसा लिया गया. इस योजना में उन्हें भारी धोखा मिला. किसान का आरोप है कि मेरठ निवासी चिन्मय ने उन्हें जमीन बेचने का झांसा दिया और सपा नेता हरीश लाखा के इशारे पर उन्हें धमकाया गया. सपा नेता समेत पांच लोगों पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आदेश पर कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है.
दरअसल, जून 2024 में राजकुमार की मुलाकात मेरठ निवासी चिन्मय से हुई. चिन्मय ने बताया कि उसकी सास विजया की भुता क्षेत्र में कृषि भूमि है, जिसे वह बेचना चाहती हैं. सौदा 11 करोड़ 59 लाख रुपए में तय हुआ और 22 जुलाई को राजकुमार ने एक करोड़ रुपए एडवांस के तौर पर दे दिए. एक कानूनी इकरारनामा भी तैयार किया गया, जिसमें 11 महीने में बैनामा करना तय था. राजकुमार ने अगस्त 2024 में ही बाकी रकम की व्यवस्था कर ली, लेकिन जब उन्होंने बैनामे की बात की तो चिन्मय और विजया टालमटोल करने लगे.
तमंचा दिखाकर धमकी, ऑफिस में बंधक बनाकर गाली-गलौज
अक्टूबर में चिन्मय कुछ हथियारबंद लोगों को लेकर अमर सिंह राजकुमार के रिश्तेदार के ऑफिस पहुंचा और धमकी दी कि अब जमीन सपा नेता हरीश लाखा को बेची जा चुकी है. अगर जमीन चाहिए तो 5 करोड़ रुपए और देने होंगे. राजकुमार एक आरोप है कि चिन्मय के साथ आए गुर्गों ने अमर सिंह को तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाए रखा. कहा गया कि अगर पुलिस में शिकायत की तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे.
कोर्ट से रोक के बावजूद फिर से जमीन बेची गई
राजकुमार ने घटना के बाद कोर्ट से जमीन की बिक्री पर रोक लगवा दी, लेकिन मार्च 2025 में विजया ने फिर से वही जमीन सपा नेता हरीश लाखा को बेच दी. जब राजकुमार को इसका पता चला तो वह मौके पर पहुंचे और देखा कि कुछ लोग जमीन पर तार फेंसिंग कर रहे हैं.
दूसरी बार हमला, गला दबाकर मारने की कोशिश
राजकुमार ने जब फेंसिंग का विरोध किया तो अमर सिंह पर दोबारा हमला किया गया. एक गुर्गे ने उनके गले में गमछा डालकर कस दिया. इसी दौरान सपा नेता हरीश लाखा ने फोन पर धमकी दी और कहा कि पूरा जिला मेरे इशारे पर चलता है. तेरी क्या औकात है. डायल 112 पर कॉल के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और फेंसिंग हटवाई.
अमर सिंह के बयान भी दर्ज किए गए, लेकिन भुता थाने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. किसान का आरोप है कि सपा नेता के दबाव में मामला दबा दिया गया. आखिरकार किसान राजकुमार ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई. डिप्टी सीएम के आदेश पर कैंट थाने में हरीश लाखा, विजया, चिन्मय, चंद्रेश सैनी और एक अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.
किसान की मांग हो निष्पक्ष जांच, मिले न्याय
राजकुमार ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई और किसान इस तरह की ठगी और दबं
गई का शिकार न हो.