रीवा: एसकेएम ने केंद्रीय बजट 2025 26 को किसानों श्रमिकों और मेहनतकश लोगों पर एक बड़ा हमला बताते हुए किसान मजदूर गरीब विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक बजट कि देशभर में प्रतियां जलाकर कड़ा विरोध करने का ऐलान किया था एसकेएम के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि रीवा में एसकेएम ने अग्रसेन चौक में प्रतियां जलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
एसकेएम ने कहा कि जब भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि उद्योग और सेवाओं सहित सभी क्षेत्रों पर कॉर्पोरेट आधिपत्य के खतरे के संदर्भ में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है केंद्रीय बजट 2025 26 में बीमा क्षेत्र में 100 फ़ीसदी निजीकरण के ठोस प्रस्ताव सहित बढ़ते विनियमन और उदारीकरण का प्रस्ताव खतरनाक हैं बजट में सभी फसलों के लिए गारंटीकृत एमएसपी की लंबित मांग की क्रूरतापूर्वक उपेक्षा की गई है.
कॉर्पोरेट मुनाफे में अनियंत्रित वृद्धि बजट कॉर्पोरेट कंपनियों के भारी मुनाफे का एक उचित हिस्सा प्राथमिक उत्पादकों किसानों और खेत मजदूरों तक पहुंचाने के लिए लाभकारी मूल्य के आधार पर खरीद के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत बाजार तंत्र निर्धारित करने के लिए तैयार नहीं है यह क्रूर और अनुचित है इसी तरह किसानों और खेत मजदूरों के लिए ऋण माफी के लिए कोई व्यापक योजना नहीं है हालांकि संसदीय समिति ने इसकी सिफारिश भी की है कर्ज के कारण भारत में प्रतिदिन 31 किसान आत्महत्या कर रहे हैं प्रधानमंत्री चुप हैं.
इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भारी कटौती की गई है वर्तमान में मनरेगा के तहत दिए जाने वाले औसत कार्य दिवस मात्र 45 दिन हैं जबकि वादा 100 दिन का था मांग है कि 600 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी के साथ 200 कार्य दिवस सुनिश्चित किए जाएं यह मांग एसकेएम एवं ट्रेड यूनियंस एक मंच से करता है और यदि नहीं किया गया तो पूरे देश में कड़ा विरोध जारी रहेगा.
दौरान विरोध प्रदर्शन एसकेएम के नेता मिशाबंदी बृहस्पति सिंह इंद्रजीत सिंह शंखू सोभनाथ कुशवाहा संतकुमार पटेल फौजी यदुवंश प्रताप सिंह विवेक पटेल भक्त प्रहलाद कुशवाहा मोहम्मद तौहीद भीम सिंह धर्मेंद्र सिंह प्रदीप बंसल राकेश शर्मा मऊगंज मनधीर पटेल अंशुल सिंह चौहान अनिल मिश्रा मुकेश तिवारी फौजी रमेश पटेल राजेश साकेत अरुण पटेल बृजेश पटेल नरेंद्र सिंह दशरथ पटेल गणेश करचुली आदि किसान मजदूर बड़ी संख्या में शामिल रहे.