दुर्ग : दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में लगातार बारिश के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं.लेकिन किसानों की जिंदगी अब भी बेहाल है.गांव में बाढ़ के बाद किसानों की करीब 300 एकड़ धान फसल के साथ दूसरी फसल भी प्रभावित हुई है. किसानों का आरोप है कि ये समस्या अवैध प्लाटिंग के कारण पैदा हुई है, जिसने खेतों से पानी की निकासी के प्राकृतिक रास्तों को रोक दिया है.
अवैध प्लाटिंग के कारण पानी रुका : किसानों का कहना है कि पांच साल पहले तक बारिश के बाद खेतों का पानी आसानी से निकल जाता था.लेकिन अब नगपुरा-जालबांधा रोड के पास अवैध प्लाटिंग करने वालों ने पानी निकासी का मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया है.चेतन यादव, सुरेश सिन्हा, इरेंद्र यादव, प्रदीप देवांगन, हेमलाल सिन्हा और हेमचंद धनकर जैसे कई किसान अब अपनी फसलें बर्बाद होते देख रहे हैं.
70 वर्षीय बुजुर्ग किसान बिसौहा राम धनकर के मुताबिक वो पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. पहले पानी खुद-ब-खुद निकल जाता था, लेकिन अब अवैध निर्माण ने सब बंद कर दिया है.
ग्रामीणों ने गांव के सरपंच, पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक कई बार शिकायत की। पिछले तीन वर्षों से जनदर्शन में लगातार आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला-बिसौहा राम धनकर,किसान
किसान आकाश सेन ने बताया कि पिछले साल एसडीएम निरीक्षण कर लौट गए, लेकिन उसके बाद सिर्फ कागजों में हल निकला, जमीनी काम कुछ नहीं हुआ.
किसानों ने जब अपनी 100 एकड़ की फसल बचाने के लिए वैकल्पिक तरीके से पानी निकासी की तो इसका दूसरा दुष्परिणाम सामने आया. इस निकासी से 200 एकड़ नई फसल डूब गई और अब पानी 36 एकड़ के तालाब में भर चुका है.तालाब की हालत भी गंभीर है और बांध फूटने की आशंका बन गई है, जिससे और बड़ी तबाही हो सकती है- आकाश सेन,किसान
पानी भरने के कारण अब किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है.किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द स्थायी समाधान नहीं किया, तो वे सड़क पर उतरकर चक्का जाम और आंदोलन करेंगे. किसानों का स्पष्ट कहना है कि उन्हें किसी से नुकसान की भरपाई नहीं चाहिए, बस उनकी समस्याओं का स्थायी हल और फसल की सुरक्षा चाहिए.वहीं जब किसानों के आंदोलन और उनकी मांग को प्रशासन के सामने मीडिया ने रखा तो समस्या जल्द सुलझाने का आश्वासन मिला.
अभी हमें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेजकर स्थिति का निरीक्षण करवाया जाएगा और पानी निकासी की व्यवस्था जल्द की जाएगी- अभिजीत सिंह,कलेक्टर
आपको बता दें कि किसानों का सबसे बड़ा दर्द अवैध निर्माण के कारण उनके खेतों में भरा पानी है. नगपुरा क्षेत्र में आबादी तेजी से बढ़ी,जिसका परिणाम ये हुआ कि अवैध निर्माण करके लोगों को जमीनें बेच दी गई.इस अवैध निर्माण में पानी निकलने के प्राकृतिक नालों को भी पाट दिया गया.इस बार जब तेज बारिश हुई तो पानी को निकलने की जगह नहीं मिला.जिसका नतीजा ये हुआ कि खेतों में भरा पानी नहीं निकला और अब फसल बर्बाद होने की कगार पर है.