किसानों ने जाम किया जबलपुर-दमोह रोड: समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीदी नहीं करने से नाराजगी, कलेक्टर ने एसडीएम को दिए जांच के निर्देश

Madhya Pradesh: जबलपुर-दमोह रोड पर सैकड़ों किसान सड़क पर उतर आए। उन्होंने जबलपुर-दमोह मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. जानकारी मिलते ही एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार और पाटन थाना पुलिस कृषि मंडी पहुंची और नाराज किसानों को समझाने का प्रयास किया.

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पाटन कृषि मंडी में उड़द बेचने पहुंचे किसानों ने जिला प्रशासन से कम से कम 6500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से उड़द खरीदने की मांग की थी. लेकिन व्यापारी इसके लिए तैयार नहीं थे। लिहाजा किसानों ने चक्काजाम कर दिया.

इधर, व्यापारियों का कहना है कि फसल की गुणवत्ता को चेक करने के बाद ही खरीदा जाएगा और उसी हिसाब से उसकी कीमत दी जाएगी। करीब तीन घंटे तक चले चक्का जाम के चलते पाटन के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई.

समर्थन मूल्य से कम है व्यापारियों की बोली

पाटन के किसान रवि कुमार का कहना है कि शासन ने उड़द और मूंग का समर्थन मूल्य 8200 रुपए प्रति क्विंटल रखा है। लेकिन यहां पर व्यापारी 5 हजार से बोली शुरू करते हैं और 5800 रुपए में लाकर खत्म कर देते हैं। इस रेट से किसानों की लागत तक नहीं निकल पाती है। कम से कम 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से उड़द खरीदी जाए। तब जाकर किसानों को कुछ पैसा बचेगा। किसानों के जाम और धरने की जानकारी जब कलेक्टर दीपक सक्सेना को मिली तो उन्होंने एसडीएम मानवेंद्र सिंह को मौके पर जाकर किसानों से बात कर समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए.

शहपुरा से पाटन पहुंचे किसान बाबूलाल का कहना है कि शासन की तरफ से रजिस्ट्रेशन करवा लिए गए हैं. लेकिन अभी तक खरीदी नहीं की जा रही है. जिसके चलते ना चाहते हुए भी किसान व्यापारियों को उनके मुंह-मांगे रेट पर उड़द बेचने को मजबूर हैं.

शासन अगर समर्थन मूल्य की खरीदी नहीं कर रही है, तो कम से कम व्यापारियों पर इतना दबाव बना दे कि वह किसानों के लिए उड़द का रेट कुछ बढ़ा दे। किसान नाराज हो गए और सड़क पर उतर आए.

जबलपुर सहित आसपास के जिलों में रकबा बढ़ा मध्यप्रदेश के जबलपुर सहित कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह में उड़द का रकबा तेजी से बढ़ गया है। पहले बहुत उड़द-मूंग की खेती कम किसान करते थे। बीते दो सालों से अधिकतर किसान मटर के बाद गेहूं की बजाय उड़द की खेती करने लगे. जबलपुर जिले में इस साल उड़द का रकबा साढ़े 47 हजार हेक्टेयर हो गया है। जो कि बीते सालों की अपेक्षा बढ़ गया है। इसके साथ ही मूंग के रकबे में भी बढ़ोतरी हुई है.

जानकारी के मुताबिक बीते साल उड़द के दाम साढ़े 8 हजार रुपए से लेकर 9 हजार रुपए तक गए थे। लेकिन इस साल रकबा अधिक होने के कारण दामों में भारी गिरावट आ गई है, कई जिलों से आ रही है उड़द. जबलपुर की पाटन मंडी में ना सिर्फ जिले की बल्कि कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह सहित आसपास के क्षेत्रों से भी उड़द की फसल बिकने के लिए आ रही है। यही वजह है कि व्यापारी सिर्फ अच्छी फसल पर ध्यान दे रहे हैं और दाम भी मनमाफिक रखे हुए हैं। पाटन तहसीलदार का कहना है कि कुछ ही घंटों बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया था। जिसके बाद 6300 रुपए से लेकर 6700 रुपए तक की बोली लगी थी.

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