मैहर : मध्यप्रदेश के मैहर में गेहूं उपार्जन का भुगतान न होने से किसान परेशान हैं.17 मार्च से 5 मई तक चले गेहूं उपार्जन में जिले के 42 केंद्रों पर 8600 किसानों ने 5.77 लाख क्विंटल गेहूं बेचा.
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल और 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस तय किया था। इस हिसाब से किसानों को कुल 150.12 करोड़ रुपए मिलने हैं। इसमें 140.01 करोड़ रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य और 10.10 करोड़ रुपए बोनस शामिल है.
किसानों का कहना है कि फसल बेचे महीने बीत गए, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं मिला.इससे उन्हें बैंक लोन, ट्रैक्टर की किस्त और बच्चों की पढ़ाई जैसी जरूरी जिम्मेदारियां निभाने में दिक्कत हो रही है.
अधिकारी भुगतान के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। वे सिर्फ यह कहकर टाल देते हैं कि पैसा आ जाएगा. तकनीकी खामी का हवाला देकर भुगतान रोका जा रहा है.इससे किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. क्यों अटका किसानों का MSP और बोनस भुगतान? किसानों का आरोप है कि उपार्जन केंद्र में गेहूं बेचे महीनों का समय हो चुका है. इसके बावजूद अभी तक भुगतान नहीं किए जाने से सभी परेशान हैं.
घर की जरूरतें पूरा करने में समस्याएं हो रही हैं. बैंक का लोन, ट्रैक्टर की किस्त, बच्चों के स्कूल एडमिशन और विवाह आदि के खर्च के लिए पैसों की काफी जरूरत है. किसानों का आरोप है कि अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. पैसा आएगा कह कर बात को टाल दिया जाता है. वहीं, शासन की ओर से कहा जा रहा है कि पोर्टल पर टेक्नीकल फॉल्ट की वजह से यह देरी हुई है.
जिला खाद्य अधिकारी राजीव पांडे ने बताया, ” पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण भुगतान नहीं हो रहा है, जिसके लिए पत्र लिखा गया है. जल्द ही समाधान के बाद भुगतान शुरू हो जाएगा.