मऊगंज: किसानों की मूलभूत समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ (जिला मऊगंज, महाकौशल प्रांत) ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक विस्तृत ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा. जिलाध्यक्ष हरि शंकर पाण्डेय ने कहा कि किसान इस समय धान उपार्जन, खाद वितरण, बीमा, सिंचाई और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों में भारी परेशानियों से जूझ रहे हैं.
धान उपार्जन से जुड़ी मांगें
किसानों ने मांग रखी कि सभी सहकारी समितियों को पंजीयन एवं उपार्जन केंद्र बनाया जाए. वर्षों से अपात्र घोषित समितियों की सूची संशोधित कर उन्हें पात्रता दी जाए. हटवा सहकारी समिति जैसी संस्थाओं के साथ हो रहे अन्याय को सुधारा जाए. साथ ही उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए, अन्यथा स्थिति खाद वितरण से भी बदतर हो जाएगी. किसानों का कहना है कि समितियों में खाद की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए.
अन्य प्रमुख समस्याएं और सुझाव
ज्ञापन में कहा गया कि जिले में तेजी से फैल रहे नशे के कारोबार पर प्रशासन कठोर कार्रवाई करे. फसल बीमा दावों का आकलन पारदर्शी तरीके से हो. मंडियों में आधुनिक मानक परीक्षण, डोकेज टेस्टिंग और बड़े कांटे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं. सभी प्रमुख फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाए. उर्वरकों की आपूर्ति समय पर हो और सब्सिडी प्रणाली मजबूत बने.
किसानों ने यह भी कहा कि बंद पड़ी सिंचाई परियोजनाएं चालू हों और नहरों की सफाई समय पर हो. बिजली व्यवस्था में स्थायी कनेक्शन की सुविधा, 24 घंटे में ट्रांसफार्मर बदलने और गलत बिलिंग से राहत मिले. राजस्व मामलों में रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की सुविधा दी जाए तथा खेतों के रास्ते नक्शे में दर्ज हों.
पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय के दूध पर ₹10 प्रति लीटर प्रोत्साहन देने और किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु कृषि न्यायालय की स्थापना की भी मांग की गई.
आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान संघ ने साफ कहा है कि यदि 15 दिनों में मांगे पूरी नहीं होती हैं तो जिलेभर में आंदोलन किया जाएगा और सरकार को जगाने के लिए व्यापक संघर्ष किया जाएगा.