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किसान थोड़ी देर में निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, समर्थन में आए भगवंत मान, बोले- पंजाबी कभी सिर नहीं झुकाते

गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी मांगों को लेकर किसान आज पंजाब-हरियाणा समेत पूरे देश में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. मार्च की तैयारियों को लेकर किसान संगठनों ने शनिवार को एक बैठक भी बुलाई थी. इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने कभी भी देश को निराश नहीं किया. हमारे अन्नदाता आमरण अनशन और हड़ताल कर रहे हैं. पंजाबी कभी अपना सिर नहीं झुकाते, कुछ लोग पंजाब को अस्थिर करना चाहते हैं.

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बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पंजाब में करीब 200 से ज्यादा जगहों पर एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर सड़कों पर मार्च करेंगे. इसी तरह का विरोध पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी देखने को मिल सकता है. 26 जनवरी के राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर मार्च के आह्वान पर किसान नेताओं ने कहा कि वे उस दिन दोपहर 12 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक अपने ट्रैक्टर भाजपा कार्यालयों, बड़े शॉपिंग मॉल और साइलो के बाहर पार्क करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और पंजाब के किसान संगठन एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के सदस्यों ने भी ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे का ऐलान किया.

100 तहसीलों में किया जाएगा मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब-हरियाणा समेत पूरे देश में विरोध करते हुए ट्रैक्टर मार्च निकालने का आह्वान किया है. पंजाब में ट्रैक्टर मार्च तहसील स्तर पर होगा. इस दौरान ट्रैक्टर अपने-अपने गांव से एक निश्चित रास्ते के जरिए तहसील में एक पॉइंट तक जाएंगे और फिर अपने-अपने गांव लौट जाएंगे. ये प्रदर्शन कम से कम 100 तहसीलों में किया जाएगा.

कुछ लोग पंजाब को करना चाहते हैं अस्थिर: CM

 

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के समर्थन में बोलते हुए कहा कि पंजाब के किसानों ने कभी भी देश को निराश नहीं किया. हमारे अन्नदाता आमरण अनशन और हड़ताल कर रहे हैं. भारत सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए ताकि ट्रैक्टर खेतों की ओर मुंह करके चलें.

 

उन्होंने कहा कि केंद्र को ग्रामीण विकास फंड और मंडियों के लिए फंड जारी करना चाहिए. हमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. पंजाबी कभी अपना सिर नहीं झुकाते, कुछ लोग पंजाब को अस्थिर करना चाहते हैं.

 

3 साल पहले भी निकाला था ट्रैक्टर मार्च

 

आपको बता दें कि साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान किसानों इसी तरह का ट्रैक्टर मार्च निकाला था. उस वक्त किसानों का ये मार्च लाल किले तक पहुंच गया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को केंद्र से प्रदर्शनकारी किसानों के साथ प्रस्तावित 14 फरवरी की बैठक जल्दी आयोजित करने का आग्रह किया और अनशनरत किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल से अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने की भी अपील की.

केएमएम, जो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के साथ पिछले 11 महीनों से खनौरी और शंभू सीमा बिंदुओं पर चल रहे किसानों के विरोध का नेतृत्व कर रहा है, ने 101 किसानों के एक समूह द्वारा 21 जनवरी के मार्च को 26 जनवरी तक स्थगित करने की भी घोषणा की.

शनिवार को कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रिया रंजन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के प्रतिनिधियों से खनौरी सीमा बिंदु पर मुलाकात की और उन्हें 14 फरवरी से वार्ता फिर से शुरू करने के लिए आमंत्रित किया.

सोमवार को शंभू विरोध स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए केएमएम नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों के साथ बैठक के लिए जो तारीख (14 फरवरी) तय की गई है, वह बहुत दूर है. सरकार को बैठक करने में काफी समय लग गया. यह हमारी शर्त नहीं है, लेकिन हमारी मांग है कि इसे जल्दी आयोजित किया जाना चाहिए और दिल्ली में भी आयोजित किया जाना चाहिए.

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