ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध के बीच भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत वहां फंसे 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया है। इनमें से अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की खुले शब्दों में तारीफ की।उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और जयशंकर जी ने जो ये काम किया है, इसमें सबको ले आए हैं। जो बाकी रह गए हैं, उनको भी लाया जाएगा। यह बहुत बड़ा काम किया है।”ईरान-इजरायल युद्ध पर बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी लड़ाई इंसानियत के लिए ठीक नहीं होती। उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि कोई भी लड़ाई इंसान के लिए अच्छी नहीं होती। इसके असर हमेशा बुरे होते हैं। बातचीत से जो हल निकल सकता है, वो लड़ाई से नहीं निकलता। कर लें लड़ाई, जितनी कर सकते हैं – मगर आखिर में नुकसान ही होता है।”
110 छात्रों की सुरक्षित वापसी
गुरुवार (19 जून) तड़के दिल्ली पहुंचे पहले विमान में 110 छात्र सवार थे, जिन्हें युद्धग्रस्त ईरान से सुरक्षित निकाला गया। भारतीय दूतावास ने इन छात्रों को पहले आर्मेनिया में शरण दिलाई, फिर वहां से उन्हें दिल्ली लाया गया।
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का बयान
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि और भारतीयों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, “हमारे पास विमान तैयार हैं। एक और विमान भेजा जा रहा है। तुर्कमेनिस्तान से भी कुछ लोगों को निकाला जा रहा है। हमारे दूतावास 24 घंटे निकासी अनुरोधों पर काम कर रहे हैं। जैसे-जैसे हालात बदलते हैं, और विमान भेजे जाएंगे।”भारत सरकार के इस त्वरित और प्रभावी कदम की चारों ओर सराहना हो रही है।