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12 साल की बच्ची से पिता और बड़े पिता ने किया घिनौना काम, कोर्ट ने माना दुर्लभ अपराध, सुनाई बड़ी सजा

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की रहने वाली मासूम बच्ची के साथ उसके पिता और बड़े पिता ने दुष्कर्म किया. मां ने जब इसका विरोध कर थाने में शिकायत करने की बात कही तो मां और बेटी को जान से मारने की धमकी दी और उनका मुंह बंद करा दिया.

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बच्ची के साथ पहले बड़े पिता ने किया दुष्कर्म: अंबिकापुर कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार गांधीनगर थाना अंतर्गत रहने वाली 12 साल की बच्ची 18 नवंबर 2020 को अपने माता पिता के साथ नाना नानी के घर गई हुई थी. इस दौरान बच्ची का बड़ा पिता बच्ची को अकेला पाकर जबरन उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. जब बच्ची ने शोर मचाने का प्रयास किया तो बड़े पिता ने बच्ची को चिल्लाने पर गला दबाकर जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ दुष्कर्म किया.

बच्ची के पिता ने बदनामी के डर से मां और बेटी को दी जान से मारने की धमकी: जब बच्ची वापस घर लौटी तो उसने घटना की जानकारी अपनी मां को दी. जिसके बाद आक्रोशित मां ने अपने जेठ की लाठी डंडे से पिटाई की. फिर बच्ची को लेकर थाने जाने लगी लेकिन इस बीच बच्ची के पिता ने उन्हें रोक लिया और बदनामी होने का भय दिखाकर शिकायत करने से मना कर दिया. जब महिला ने शिकायत करने को लेकर दबाव डाला तो पिता ने ही मां बेटी को जान से मारने की धमकी दे दी. जिसके बाद मां और बच्ची डरकर घटना के बाद चुप हो गए.

पिता ने भी बच्ची के साथ किया रेप: घटना के कुछ महीने बाद 18 जुलाई 2021 की शाम बच्ची के पिता ने अपनी बेटी को बोरवेल का पंप बंद करने के लिए भेजा. जब बच्ची बोर पंप वाले कमरे में पहुंची तो बच्ची के पिता ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए 12 साल की बच्ची को पकड़ लिया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. पहले बड़े पिता और फिर अपने ही पिता द्वारा की गई इस हैवानियत व क्रूरता से तंग आकर बच्ची ने मां को घटना के बारे में बताया.

बच्ची की मां ने हिम्मत कर पुलिस ने दर्ज की शिकायत: इस बार बच्ची की मां ने हिम्मत कर अपने परिजन को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद बच्ची के नाना-नानी और मामा के साथ मिलकर उसने 19 जुलाई 2021 को घटना की जानकारी पुलिस को दी. मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कोर्ट ने आरोपी पिता और बड़े पिता को सुनाई आजीवन कठोर दंड की सजा: शुक्रवार को इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट पोक्सो एक्ट कमलेश जगदल्ला के कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक रीता सेन ने पैरवी की. एक पिता जिसे अपने बच्ची की रक्षा करनी है उसके द्वारा की गई इस घटना को कोर्ट ने गंभीर और दुर्लभ प्रकृति का माना. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी के बड़े पिता को धारा 506 (2) के तहत 2 साल के कठोर कारावास व 100 रुपए अर्थदंड, धारा 376 (क)(ख) के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास, 50 हजार रुपए का अर्थदंड, धारा 376(2)(च) के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 5(ढ) एवं (ड)/6 के तहत लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास व 500 रुपए का अर्थदंड दिया है.

पिता को अलग से सुनाई सजा: आरोपी पिता को घटना की शिकायत करने से रोकने व धमकाने के लिए धारा 202 के तहत 6 माह के कठोर कारावास व 100 रुपए अर्थदंड, धारा 506 के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास व 100 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं इस मामले में नाबालिग बच्ची को क्षतिपूर्ति योजना के तहत 5 लाख रुपए देने की अनुशंसा की है.

अपनी ही नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देने वाले वहशी पिता को कोर्ट ने दूसरे प्रकरण में सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट पोक्सो एक्ट कमलेश जगदल्ला ने इसे गंभीर व दुर्लभ मामला मानते हुए धारा 342 के तहत 1 वर्ष के कठोर कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 376(2)(च) के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास व 500 रुपए का अर्थदंड, धारा 376(3) के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास व धारा 5 (ढ)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास व 500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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