पिता सूबेदार, बेटी ने UPSC में 312वीं रैंक से रच दी इतिहास, बिना कोचिंग के हासिल की सफलता..

हाल ही में यूपीएससी 2024 के रिजल्ट जारी किए गए हैं, जिसमें कई उम्मीदवारों ने पास होकर अपने-अपने राज्य और जिलों का नाम रोशन किया. उन्हीं में से एक उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली अंजू भट्ट भी हैं. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में कई असफलताओं का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी और आखिरकार परीक्षा में सफल होकर सबके लिए एक प्रेरणास्रोत बन गईं. अंजु ने बिना कोचिंग के यूपीएससी सीएसई 2024 (UPSC CSE 2024) में 312वीं रैंक हासिल की है. आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी.

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पिता असम राइफल्स में सूबेदार

अंजू और उनका परिवार वैसे तो मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाला है, लेकिन उनके पिता किशोरी लाल भट्ट चूंकि असम राइफल्स में हैं, इसलिए उनकी पोस्टिंग फिलहाल नागालैंड में है. वह असम राइफल्स में सूबेदार के पद पर तैनात हैं. वहीं, अंजू की मां एक हाउसवाइफ हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंजू का बचपन विकासनगर के बरोटीवाला गांव में बीता है. यहीं से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है और उसके बाद वह एक निजी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर चली गईं और वहां से डिग्री हासिल की.

चौथे प्रयास में मिली सफलता

जब भारत समेत दुनियाभर में कोविड महामारी फैली, तब अंजू ने सिविल सेवा में जाकर देश की सेवा करने का फैसला किया और परीक्षा की तैयारी में जुट गईं. साल 2021 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह फेल हो गईं. इसके बाद 2022 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी, लेकिन इस बार भी वह असफल रहीं. फिर 2023 में यानी अपने तीसरे प्रयास में वह प्रीलिम्स और मेंस में तो सफल हो गईं, लेकिन इंटरव्यू क्लियर नहीं कर सकीं. इससे थोड़ी बहुत निराशा तो हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2024 में फिर से परीक्षा दी. इस बार उन्होंने परीक्षा के तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पार कर लिया और 312वीं रैंक हासिल की.

माता-पिता से मिली प्रेरणा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंजू कहती हैं कि उन्हें माता-पिता दोनों से प्रेरणा मिली है. पिता से जहां अनुशासन सीखने को मिला तो मां से समर्पण की प्रेरणा मिली. उन्होंने बताया कि परीक्षा में असफल होने की वजह से कई बार वह हताश हो गईं, लेकिन उनके माता-पिता ने उनका हौसला नहीं टूटने दिया, जिसका नतीजा है कि वह यूपीएससी परीक्षा में सफल हो गईं.

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