उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऑनलाइन गेम में हुए कर्ज से परेशान छात्र ने आत्महत्या कर ली. खेती-किसानी करने वाली पिता ने गेहूं बेचकर अपने बेटे को कीमती मोबाइल दिलाया था, लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि यहीं मोबाइल उनके बेटे की जान का दुश्मन बन जाएगा. 10वीं क्लास में पढ़ने वाले युवक को मोबाइल में गेम खेलने का शौक था. पहले तो वह गेम में कुछ पैसे जीतता रहा. हालांकि, बाद में वह कर्ज के जाल में फंसता चला गया.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऑनलाइन गेम में हुए कर्ज से परेशान छात्र ने आत्महत्या कर ली. खेती-किसानी करने वाली पिता ने गेहूं बेचकर अपने बेटे को कीमती मोबाइल दिलाया था, लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि यहीं मोबाइल उनके बेटे की जान का दुश्मन बन जाएगा. 10वीं क्लास में पढ़ने वाले युवक को मोबाइल में गेम खेलने का शौक था. पहले तो वह गेम में कुछ पैसे जीतता रहा. हालांकि, बाद में वह कर्ज के जाल में फंसता चला गया.
इसके चलते उसने अपने कई दोस्तों से करीब 1 लाख रुपए उधार लिए थे. लगातार हो रही हार के कारण वह दोस्त का पैसा वापस नहीं कर पा रहा था. वहीं, दोस्त लगातार अपना पैसा वापस मांग रहे थे. इस कारण वह दबाव में आ गया था. नीरज ने अपने परिजनों को भी इस बारे में कुछ भी नहीं बताया था. डिप्रेशन में आकर उसने रात में अपने कमरे के लगे कुंडे में रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.
अगले दिन जब परिजनों ने कमरे में झांका तो नीरज फंदा पर लटका हुआ था. यह देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. घर में चीख-पुकार मच गई. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. जानकारी देते हुए चौबेपुर थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में किसी तरीके का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. मृतक के मोबाइल को खंगाला जा रहा है. ऑनलाइन गेम को हुए कर्ज को मौत का कारण बताया जा रहा है.