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‘भ्रष्टाचारियों में डर जरूरी’, परिवारवाद और करप्शन पर पीएम मोदी का लाल किले से प्रहार

देश भर में 78वें स्वतंत्रता दिवस की धूम है. पीएम मोदी ने 11वीं बार लाल किले से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से परिवारवाद-भ्रष्टाचार पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल बनाना जरूरी है. पीएम मोदी ने साथ ही देश में जाति-आधारित और वंशवादी राजनीति को खत्म करने का आह्वान किया.

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उन्होंने कहा, हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती.

 

भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इसलिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी. मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं. देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इतना महान संविधान होने के बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं और खुलेआम भ्रष्टाचार की जय-जयकार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, समाज में इस प्रकार के बीज बोने का जो प्रयास हो रहा है, भ्रष्टाचार का जो महिमामंडन हो रहा है… भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता बढ़ाने का जो निरंतर प्रयास चल रहा है, यह स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती तथा चिंता का विषय बन गया है. पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के प्रति समाज में दूरी बनाए रखने से ही इसके खिलाफ डर का वातावरण बनेगा. उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार का महिमामंडन होगा तो लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे.

 

परिवारवाद पर क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री ने राजनीतिक परिदृश्य में नई प्रतिभाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, जल्द ही, हम बिना किसी राजनीतिक जुड़ाव वाले परिवारों से एक लाख युवाओं को आगे लाना चाहते हैं. वे किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसे ताजा खून से भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा.

 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमें भारत की राजनीति को जाति-आधारित और वंशवादी राजनीति से मुक्त करने की आवश्यकता है. हम जल्द ही ऐसे एक लाख युवाओं को आगे लाना चाहते हैं जिनके परिवार में कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है. वे किसी भी पार्टी में जाएं, लेकिन ऐसा ताजा खून भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा.

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