अंधविश्वास का खौफ: झारखंड में व्यक्ति की हत्या कर जला दिया शव

झारखंड के चतरा जिले से अंधविश्वास से जुड़ा एक खौफनाक मामला सामने आया है। टंडवा थाना क्षेत्र के खूंटीटोला गांव में दबंगों ने ओझा-गुणी होने के शक में धर्मदेव उरांव नामक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपियों ने पहले धारदार हथियार से उसकी जीभ काट डाली और फिर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर उसकी जान ले ली। यही नहीं, हत्या के बाद शव को जला दिया गया।

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घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। पुलिस मौके पर पहुंची तो सभी आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है और आधा दर्जन आरोपियों की तलाश में जुटी है।

जानकारी के मुताबिक कुछ महीने पहले धर्मदेव के पड़ोस में रहने वाले एक युवक की मौत हो गई थी। युवक के परिजन लगातार धर्मदेव पर ओझा-गुणी का आरोप लगाते थे और उसे ही उस मौत का जिम्मेदार ठहराते थे। इसी शक और बदले की भावना में आरोपियों ने धर्मदेव को निशाना बनाया। शुरुआती जांच में भी यही बात सामने आई है कि पुरानी रंजिश और अंधविश्वास ने इस हत्या को जन्म दिया।

झारखंड में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। मार्च 2025 में गुमला जिले की मैनो देवी नामक महिला को भी डायन होने के शक में मौत के घाट उतार दिया गया था। उस मामले में भी गांव के लोगों ने महिला पर किसी की मौत का दोष लगाते हुए उसे बेरहमी से मार डाला था।

इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विज्ञान और आधुनिक शिक्षा के दौर में भी अंधविश्वास किस तरह लोगों की सोच पर हावी है और निर्दोष लोगों की जान ले रहा है। प्रशासन और समाज दोनों के सामने यह बड़ी चुनौती है कि ऐसे कुप्रथाओं पर अंकुश लगाया जाए ताकि किसी और की जान अंधविश्वास की भेंट न चढ़े।

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