टैरिफ का डर… क्या कल मिलेगा रक्षाबंधन गिफ्ट? RBI कर सकता है बड़ा ऐलान

अगर आपने होम लोन (Home Loan) ले रखा है तो बुधवार का दिन आपके लिए बेहद अहम रहने वाला है. दरअसल, RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक चल रही है और बुधवार को नतीजे आएंगे, अब सबकी निगाहें आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा पर टिकी हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की रेपो रेट कटौती की घोषणा कर सकता है. यह अनुमान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट में लगाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम खासतौर पर दिवाली से पहले कर्ज वितरण को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार लाने के मकसद से उठाया जा सकता है.

SBI की रिपोर्ट का तर्क है कि ब्याज दरों में कटौती का असर जमीनी स्तर पर दिखने में वक्त लगता है. इसलिए अगर RBI समय पर कदम नहीं उठाता, तो यह त्योहारी सीजन के दौरान कर्ज की मांग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि त्योहारों के दौरान, खासकर सितंबर से नवंबर के बीच, खुदरा उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है, और इस समय कर्ज लेना आम होता है

बता दें, 2017 के आंकड़ों का हवाला देते हुए SBI का कहना है कि जब दिवाली से पहले 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी, तो उस समय कुल कर्ज वितरण में ₹1.95 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई थी, जिसमें से लगभग 30% व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) था. इससे यह साबित होता है कि त्योहारी सीजन से पहले ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर उपभोक्ता व्यवहार और खर्च पर पड़ता है.

खुदरा महंगाई दर RBI के दायरे में

फिलहाल में भारत में खुदरा महंगाई दर RBI के लक्ष्य सीमा (2%–6%) के भीतर बनी हुई है. ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि अब दरों में कटौती के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. अमेरिका द्वारा हाई टैरिफ जैसे वैश्विक आर्थिक जोखिमों को देखते हुए आरबीआई रेट कट कर सकता है.

हालांकि कुछ अर्थशास्त्री यह भी मानते हैं कि RBI अभी सतर्क रुख अपना सकता है और अगस्त में दरों को स्थिर रख सकता है. लेकिन अगर आर्थिक संकेत कमजोर दिखते हैं, तो अक्टूबर या दिसंबर की बैठक में कटौती की पूरी संभावना है. SBI की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि दिवाली से पहले कर्ज वितरण को गति देने के लिए RBI से दरों में कटौती की पूरी उम्मीद है.

इससे पहले जून-2025 में RBI ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती (Repo Rate Cut) की थी, और इसे 50 बेसिस पॉइंट घटा दिया था. जबकि फरवरी और अप्रैल में RBI ने 25-25 बेसिस पॉइंट्स घटाई थी. फिलहाल रेपो रेट 5.50% पर आ गया है. ऐसे में अगर रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करता है तो आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है.

 

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) देश के बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. जब RBI इस दर को घटाता है, तो इसे ‘रेपो रेट कट’ कहा जाता है. जब रेपो रेट घटता है, तो बैंक भी लोगों और बिजनेस को सस्ते ब्याज पर लोन देने लगते हैं. खासकर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर इसका असर दिखता है.

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