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‘शादी क्यों नहीं की…’, इस सवाल से तंग आकर शख्स बना हत्यारा, पड़ोसी का किया कत्ल

हमारी बातचीत के लहजे में कई ऐसे औपचारिक सवाल होते हैं जो हम अनजाने में एक-दूसरे से जरूर करते हैं जैसे ट्रेन में किसी अजनबी से जान-पहचान की शुरुआत में नाम, नौकरी, शहर और यह जानना होता है कि आपकी शादी हुई है या नहीं. हर व्यक्ति ने ऑफिस, ट्रेन, या जिंदगी में कहीं न कहीं इस सवाल का सामना जरूर किया होगा. अगर इस सवाल का जवाब ‘हां’ में होता है, तो बात कुछ और बढ़ती है; अगर ‘ना’ में होता है, तो सवाल टिकता है कि ‘आपकी शादी क्यों नहीं हुई’.

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क्या आप किसी ऐसे इंसान की कल्पना कर सकते हैं जो इस सवाल से इतना दुखी और नाराज हो जाए कि सवाल पूछने वाले की हत्या तक कर दे. इंडोनेशिया में कुछ ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

‘आपकी शादी क्यों नहीं हुई’.ये सवाल बना अपराध की वजह

स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के साउथ तपानुली प्रांत में 29 जुलाई की रात एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया. 45 साल के पारलिंदुंगन सिरगार ने अपने 60 साल के पड़ोसी असगिम इरियंटो की बेरहमी से हत्या कर दी. घटना का कारण इतना सामान्य था कि कोई सोच भी नहीं सकता था – एक साधारण सवाल कि ‘आपकी शादी क्यों नहीं हुई’.

29 जुलाई की रात लगभग 8 बजे पारलिंदुंगन सिरगार असगिम इरियंटो के घर पहुंचे उनके हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा था. उन्होंने बिना किसी चेतावनी के असगिम पर हमला कर दिया. इस अप्रत्याशित हमले से असगिम भागकर सड़क पर आ गए लेकिन पारलिंदुंगन ने उनका पीछा किया और सिर पर जोरदार वार किया. इस हमले ने असगिम की जान ले ली.

शादी के सवाल से तंग आ गया था शख्स

पूछताछ के दौरान पारलिंदुंगन ने खुलासा किया कि असगिम द्वारा बार-बार शादी के सवाल पूछने से वह नाराज थे. उन्हें यह मजाक पसंद नहीं आया और उन्होंने असगिम को मारने का फैसला किया. इस केस की तफ्तीश करने वाली पुलिस ने बताया कि इस क्रूर हमले के पीछे की वजह असगिम का बार-बार पारलिंदुंगन से मजाक में पूछना था कि आपकी शादी अब तक क्यों नहीं हुई.

इंडोनेशिया में ये क्राइम बना डिबेट का विषय

इस घटना ने पूरे इंडोनेशिया में खलबली मचा दी है. साथ ही ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे शब्दों का असर इतना गहरा हो सकता है कि वे किसी को अपराध के कगार पर ला दें? क्या हम कभी सोचते हैं कि हमारे सवाल किसी के लिए कितने संवेदनशील हो सकते हैं. और क्या हमारी बातें कभी इतनी गहरी चोट पहुंचा सकती हैं कि उनका परिणाम इतना गंभीर हो सकता है. इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे साधारण सामाजिक बातचीत भी गहरे तनाव और विवादों का कारण बन सकती है.

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