शहडोल मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर पर साथी डॉक्टरों ने हमला किया

शहडोल के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में लेबर रूम में महिला डॉक्टर के साथ गंभीर मारपीट की घटना सामने आई है। घटना के दौरान दो साथी इंटर्न महिला डॉक्टरों ने पीड़िता के कपड़े फाड़े और उसके बाल खींचकर उसे पीटा। साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी। घटना का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया।

जानकारी के अनुसार, लेबर रूम में सामान्य काम के दौरान विवाद के बाद हमलावर डॉक्टरों ने अचानक हमला कर दिया। महिला डॉक्टर को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें मानसिक और शारीरिक चोटें भी लगी हैं। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस तुरंत सक्रिय हो गए। पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अलग सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि घटना गंभीर है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी इंटर्न डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं और भविष्य में रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।

स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमलावर डॉक्टरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने भविष्य में ऐसे किसी भी विवाद से निपटने के लिए इंटर्न डॉक्टरों और स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण और संवेदनशीलता कार्यक्रम चलाने की योजना बनाई है।

घटना के वीडियो वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में तनावपूर्ण परिस्थितियों के कारण कभी-कभी आक्रामक व्यवहार सामने आता है, लेकिन किसी भी हालत में हिंसा अस्वीकार्य है।

पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। उन्हें मानसिक समर्थन और चिकित्सा सहायता दी जा रही है। अस्पताल ने सभी छात्रों और स्टाफ से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

इस घटना ने मेडिकल कॉलेज के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। प्रशासन ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और भविष्य में किसी भी प्रकार की हिंसा रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी।

घटना ने अस्पतालों में डॉक्टरों के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी उजागर किया है। यह मामला चिकित्सा शिक्षा और अस्पताल प्रबंधन के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

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