महिला प्रिंसिपल ने लाइब्रेरियन को पीटा… थप्पड़ मारा, मोबाइल फेंका, बाल पकड़कर खींचा

खरगोन। जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर मेनगांव स्थित शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में महिला प्रिंसिपल व लाइब्रेरियन में मारपीट। इंटरनेट पर वीडियो बहुप्रसारित हुआ। इसके बाद कलेक्टर भव्या मित्तल के आदेश पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग प्रशांत आर्या ने प्राचार्य और लाइब्रेरियन को तत्काल हटाया। मामला शुक्रवार का है। प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग के दौरे का कारण इसे दबा दिया गया।

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महिला प्रिंसिपल ने जड़ा लाइब्रेरियन को थप्पड़

खरगोन जिला मुख्यालय से महज आठ किमी दूर स्कूल के महिला प्रिंसिपल प्रवीण दाहिया और शिक्षिका (लाइब्रेरियन) मधुरानी ने शिक्षा के मंदिर की मर्यादा को तार-तार किया। एक-दूसरे से विवाद करते हुए प्राचार्य और लाइब्रेरियन मोबाइल पर वीडियो बनाते रहे। विवाद अधिक होने पर प्राचार्य दाहिया ने लाइब्रेरियन को एक थप्पड़ मार दिया। उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया।

महिला प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन दोनो भीड़ गई। एक दूसरे की चोटी पकड़कर मारपीट शुरू हो गई। प्राचार्य ने एक नहीं लाइब्रेरियन को कई थप्पड़ मारे। चोटी पकड़कर दीवार से पटका। कुछ टीचर छुड़वाने की बात करते रहे, लेकिन दोनों के बीच-बचाव के लिए कोई भी नहीं आया।

इस मारपीट का वीडियो वहां खड़े किसी अन्य व्यक्ति ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। स्कूल प्राचार्य और लाइब्रेरियन दोनों ही अलग-अलग समय पर मेनगांव थाने पहुंची। दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए आवेदन भी दिया है। मेडिकल के लिए दोनों को जिला अस्पताल भेजा गया। यहां प्राचार्य दाहिया आइसीयू में भर्ती हो गई और लाइब्रेरियन मधुरानी भी वार्ड में भर्ती हुई है।

मामले की सूचना मिलने पर सहायक आयुक्त प्रशांत आर्या ने स्कूल और जिला अस्पताल पहुंचकर जांच शुरू की। मामले की सूचना कलेक्टर भव्या मित्तल को मिलने पर दोनों को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश जारी कर दिए। दोनों को सहायक आयुक्त प्रशांत आर्या के कार्यालय में फिलहाल अटैच किया है।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

उल्लेखनीय है कि एकलव्य आदर्श आवासीय परिसर दिल्ली से संचालित होता है। यहां करीब सालाना 5 करोड़ से अधिक की राशि बच्चों के पढ़ाई और आवासीय व्यवस्था के लिए पहुंचाई जाती है। फिलहाल कलेक्टर के आदेश पर मामले की जांच कर रिपोर्ट दिल्ली भेजी जा रही है, जिससे प्राचार्य और लाइब्रेरियन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

पूर्व में भी विवाद हो चुके हैं

यहां पूर्व में भी विवाद हो चुके हैं।इसके अलावा छात्रावास विद्यार्थियों व शिक्षकों के बीच भी कहासुनी हो गई थी। विद्यार्थी दो बार विद्यालय से कलेक्टोरेट तक पैदल मार्च कर चुके हैं।

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