सुल्तानपुर जिले में यूरिया खाद को लेकर बड़ा संकट देखने को मिला. सुबह से ही हजारों की संख्या में किसान खाद लेने के लिए गोदाम के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो गए. कड़ी धूप और उमस भरे मौसम में किसान घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन अंत में उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
किसान राम किशोर, राम कुमार, नोखे लाल, बुधराम का कहना है कि गोदाम में करीब 400 बोरी यूरिया खाद का स्टॉक मौजूद था, जबकि खाद की मांग करने वाले किसानों की संख्या हजारों में थी. सीमित स्टॉक और अधिक मांग के चलते हालात बेकाबू हो गए. खाद पाने की होड़ में किसानों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर खाद लेने की कोशिश करने लगे. सबसे बड़ी समस्या यह रही कि मौके पर न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था की गई और न ही पुलिस-प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहा. अफरा-तफरी बढ़ती देख अंततः वितरण रोक दिया गया, जिससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया.
किसान नेताओं का कहना है कि खाद वितरण में लापरवाही और पर्याप्त स्टॉक न होने के कारण किसान भारी परेशानी झेल रहे हैं। खेती का सीजन शुरू होने के बावजूद खाद न मिलने से किसान गंभीर संकट में हैं. उनका कहना है कि यदि समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुई तो उनकी बोआई और फसल दोनों प्रभावित होंगी. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए और वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए. इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की उदासीनता और अव्यवस्था की पोल खोल दी है. किसान अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनके साथ ऐसा सौतेला व्यवहार कब तक होता रहेगा.