उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा के उप चुनाव में भाजपा की साख दांव पर लगी हुई है. पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी नेता कोई भी कोरकसर छोड़ना नहीं चाहते हैं. इनमें मिर्ज़ापुर का मझवां सीट भी काफी अहम है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लगा हुआ मझवां विधानसभा सभा कभी वीआईपी सीट हुआ करता था. जहां का प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय पंडित कमलापति त्रिपाठी के पुत्र लोकपति त्रिपाठी कर चुके हैं. इस सीट पर कब्जा करने के लिए समाजवादी पार्टी भी जहां पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं तो बसपा भी अपने दलित-पिछड़ों मतों के सहारे टक्कर में है.
भाजपा से पूर्व विधायक सुचिस्मिता मौर्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बल पर पुनः बाजी मारने की जुगत में लगी हुई हैं. हालांकि उन्हें अपने पूर्व के पांच वर्ष के कार्यकाल में जनता से दूरी बनाए रखने को लेकर लोगों की नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है, पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी और सरकार के दिग्गज जनों का मझवां में निरंतर चुनाव प्रचार अभियान जारी है.
पार्टी उम्मीदवार के विरोध की सुगबुगाहट होने पर मझवां विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए जिले के दो पटेल विधायकों को उतरना पड़ा है. पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनार विधायक अनुराग सिंह तथा मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल इन दिनों डोर-टू डोर प्रचार करने के साथ घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क साध रहे हैं. जिनके साथ कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ रही है.
बताते चलें कि मझवां विधानसभा का उप चुनाव न केवल पार्टी के लिए नाक का सवाल बन बैठा है, अपितु जिले के ही सत्तारूढ़ एक जनप्रतिनिधि को लेकर क्षेत्र में नाराजगी और अंदर ही अंदर बुनें जा रहें ताने बाने को भांपते हुए पार्टी ने किसी प्रकार का खतरा मोल न लेते हुए इन विधायकों को पूरी मुस्तैदी से लग जाने को कहा है, दोनों विधायकों की सक्रियता और मेहनत भी देखते बन रही है. भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर मझवां विधानसभा क्षेत्र में चुनार विधायक अनुराग सिंह ने कैंपेन शुरू किया, पार्टी सूत्रों की माने तो जिले के एक बड़े जनप्रतिनिधि से नाराज़ चल रही पटेल बिरादरी को साधने में चुनार विधायक और मड़िहान विधायक लगाए गए हैं.
मझवां विधानसभा में नाराज़ पटेल बिरादरी को साधने में जुटे अनुराग सिंह और रमाशंकर सिंह पटेल लगातार लोगों के बीच जाकर सम्पर्क साध रहे हैं. डैमेज कंट्रोल के लिए मड़िहान विधायक रमाशंकर पटेल के साथ चुनार विधायक डोर टू डोर जनसंपर्क कर रहे हैं तो वहीं कार्यकर्ताओं, समर्थकों संग बीजेपी प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य के पक्ष में मतदाताओं से वोट की अपील करते हुए दिखाई दिए हैं. बीजेपी विधायकों द्वारा किए गए विकास कार्य और नीतियों को लेकर आमजनमानस से वोट की अपील कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मिर्ज़ापुर जिले के तेज तर्रार विधायकों में शुमार जिनकी पिछड़े, पटेल बिरादरी से लेकर अन्य लोगों में खासी लोकप्रियता बनी हुई है चुनार विधायक अनुराग सिंह, मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल को लगाया गया है. जिनकी सक्रियता और निरंतर जन सम्पर्क, जनसंवाद से कार्यकताओं और समर्थकों का भी हौसला बढ़ा हुआ है.
मिर्ज़ापुर का मझवां विधानसभा क्षेत्र पड़ोसी जनपद भदोही के औराई, वाराणसी के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र से लगा हुआ है, यहां उप चुनाव में भाजपा से पूर्व विधायक सुचिस्मिता मौर्य, बसपा से दीपू तिवारी तथा समाजवादी पार्टी से डॉक्टर ज्योति बिंद चुनाव मैदान में हैं. भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य मझवां से विधायक रहे स्वर्गीय रामचंद्र मौर्य की पुत्रबहू हैं. स्वयं सुचिस्मिता मौर्य 2027 से 2022 भाजपा विधायक के तौर पर यहां का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. पुनः पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें उप चुनाव में मैदान में उतारा है, बसपा उम्मीदवार डॉक्टर ज्योति बिंद मझवां से तीन बार के विधायक रहे रमेश बिंद की पुत्री है. रमेश बिंद मझवां से तीन बार विधायक रहे हैं तथा भाजपा का दामन थाम भदोही से सांसद चुने गए थे. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने पर इन्होंने सपा का दामन थाम अपने गृह जनपद मिर्ज़ापुर लोकसभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. बसपा उम्मीदवार दीपू तिवारी छात्र राजनीति से अपना राजनैतिक सफर शुरू कर सपा फिर भाजपा और अब बसपा का दामन थाम एक झटके में ही टिकट पाने में कामयाब हुए हैं. बसपा के दलित मतों और ब्राह्मण मतों के सहारे यह चुनाव जीतने के जुगत में लगे हुए हैं.