आपातकाल की 50वीं बरसी पर सेनानियों का हुआ सम्मान, मदन राठौड़ बोले– यह लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला था

राजस्थान: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ शुक्रवार को डीडवाना दौरे पर रहे। इस दौरान वे जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस और आपातकाल की 50वीं बरसी पर आयोजित जिला स्तरीय संगोष्ठी में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया और कांग्रेस पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाया।

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मदन राठौड़ ने कहा कि 25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय था। इस दौरान करीब 1 लाख 40 हजार से अधिक लोगों को बिना अपराध के जेल में डाला गया। हजारों परिवार टूटे, मौलिक अधिकारों का हनन हुआ और ‘भारत माता की जय’ बोलने वालों को भी जेल में ठूंसा गया।

 

उन्होंने कहा कि आज जो लोग ‘संविधान बचाओ’ की बात कर रहे हैं, वही कभी लोकतंत्र की हत्या के दोषी हैं। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 और 35ए के खिलाफ संघर्ष करते हुए बलिदान दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में उसे हटाकर सच्ची श्रद्धांजलि दी। जिलेभर से आए भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मदन राठौड़ ने अनुशासन में रहकर राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की सबसे भावुक और प्रेरणादायक झलक उस समय देखने को मिली जब आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेलों में यातनाएं सहने वाले लोकतंत्र सेनानियों का मंच पर सार्वजनिक रूप से सम्मान किया गया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, मंत्री विजय सिंह चौधरी, पंकज गुप्ता और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सभी लोकतंत्र सेनानियों को माल्यार्पण कर, शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके संघर्ष को नमन किया। इस दौरान मंच और सभा में भावनात्मक वातावरण बन गया। कई लोकतंत्र सेनानियों की आंखों में उस दौर की पीड़ा की स्मृति से आंसू छलक आए। वक्ताओं ने कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तियों का नहीं, बल्कि उस अदम्य साहस, संकल्प और राष्ट्रभक्ति का है जिसके कारण आज भारत में लोकतंत्र जीवित है।

 

प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कहा- आप सबने उस दौर में साहस दिखाया जब बोलना भी अपराध माना जाता था। यह सम्मान एक कर्ज़ है, जो हम आपके योगदान के आगे कभी चुका नहीं सकते। कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर तालियों की गूंज के साथ लोकतंत्र सेनानियों का अभिनंदन किया। यह क्षण भाजपा के लिए नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक समाज के लिए एक गर्व और प्रेरणा का क्षण बन गया।

राजस्व व सैनिक कल्याण राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि वैचारिक दमन का भी कालखंड था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले सेनानियों का सम्मान हम सबका दायित्व है। डॉ. मुखर्जी का बलिदान हमें राष्ट्रहित में अडिग रहने की प्रेरणा देता है।

 

राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि आपका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सिखाता रहेगा कि लोकतंत्र कितनी बड़ी अमानत है और उसे बचाने के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। पंकज गुप्ता (कोषाध्यक्ष, भाजपा राजस्थान) ने कहा कि भाजपा केवल सत्ता की राजनीति नहीं करती, बल्कि राष्ट्रवाद और जनसेवा की भावना से जुड़ी विचारधारा की प्रतिनिधि है। लोकतंत्र की नींव को बचाने के लिए आज भी हम वही दृढ़ता चाहते हैं, जैसी आपातकाल में सेनानियों ने दिखाई।

सुनीता रांदड़ (अध्यक्ष, भाजपा नागौर देहात) ने कहा कि महिलाओं ने भी आपातकाल में अत्याचार सहे और जेल की यातनाएं झेली। आज की पीढ़ी को यह जानना ज़रूरी है कि लोकतंत्र यूं ही नहीं मिला, यह संघर्षों की विरासत है। इस संगोष्ठी में पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया, डीडवाना से पूर्व प्रत्याशी जितेंद्र सिंह जोधा, लाडनूं से करणी सिंह, नागौर सभापति मीतू बोथरा सहित अनेक भाजपा नेता मंचासीन रहे।

 

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