भारत के चौथी तिमाही के GDP का आंकड़ा जारी हो चुका है. वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 7.4 प्रतिशत रहा है, जो निरंतर ग्रोथ का संकेत देता है. हालांकि सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 6.5% रहा है. यह 4 साल का निचला स्तर है.
अनुमान से बेहतर आंकड़ा
जनवरी मार्च यानी चौथी तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% रही है. यह आंकड़ा अनुमानित 6.85% से काफी बेहतर है, तिमाही दर तिमाही आधार पर तेजी दर्ज की गई है. पिछली तिमाही यानी Q3 FY25 में GDP ग्रोथ रेट 6.2% रही थी, जो अब बढ़कर 7.4% हो गई है. अर्थव्यवस्था का मजबूत प्रदर्शन बताता है कि घरेलू मांग, निवेश और कृषि उत्पादन में मजबूती रही है.
नॉमिनल GDP में शानदार ग्रोथ
पिछले वर्ष की तुलना में नॉमिनल जीडीपी 9.8% बढ़कर ₹330.68 लाख करोड़ पर पहुंच गई, जबकि स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी ₹187.97 लाख करोड़ पर पहुंच गई. अकेले चौथी तिमाही में नॉमिनल जीडीपी 10.8% बढ़कर ₹88.18 लाख करोड़ हो गई है.
क्यों आई जीडीपी में इतनी तेजी?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए डेटा में इस विस्तार के पीछे मुख्य कारकों पर प्रकाश डाला गया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.4% सालाना ग्रोथ के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद लोक प्रशासन, डिफेंस और अन्य सर्विस 8.9% और वित्तीय, रियल एस्टेट और कारोबारी सर्विस सेक्टर में 7.2% की ग्रोथ रहीं. चौथी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में और वृद्धि हुई और यह 10.8% पर पहुंच गया.
प्राइवेट कंजम्प्शन, जो घरेलू मांग का बैरोमीटर है, में वर्ष के दौरान 7.2% की वृद्धि हुई. सकल स्थायी पूंजी निर्माण में भी लचीलापन दिखा, जो सालाना 7.1% और चौथी तिमाही में 9.4% बढ़ा. खनन को शामिल करने वाले प्राथमिक सेक्टर में 4.4% की ग्रोथ हुई है. जबकि एक साल पले यह 2.7% थी. चौथी तिमाही में इसमें 5% की तीव्र वृद्धि देखी गई, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह मात्र 0.8% थी.
GVA में भी तेजी
रीयल ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) ₹171.87 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.4% अधिक है. नॉमिनल GVA ₹300.22 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 9.5% अधिक है. अनुमानों को कई संकेतकों का उपयोग करके संकलित किया गया था, जिसमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, फसल और पशुधन डेटा और कर संग्रह शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि बेहतर डेटा कवरेज और इनपुट संशोधनों से भविष्य में समायोजन हो सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति बैठक में पूरे वित्त वर्ष (FY25) के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. मार्च तिमाही (Q4FY25) के लिए केंद्रीय बैंक ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
चौथी बड़ी इकोनॉमी का तमगा
जीडीपी के आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब नरेंद्र मोदी सरकार इस साल भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात कर रही है. IMF के अनुमान के मुताबिक, भारत 2025-26 के अंत तक जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लेगा. वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए अगला जीडीपी अपडेट 29 अगस्त को जारी किया जाएगा.