फिल्म उदयपुर फाइल्स पर मध्य प्रदेश में भी रोक, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

विवादित फिल्म उदयपुर फाइल्स मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शित नहीं हो सकेगी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया।

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व में इसी प्रकरण में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए निर्णय को आधार बनाया। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले के सभी तथ्यों पर दिल्ली हाईकोर्ट में पहले ही विचार हो चुका है, ऐसे में इस मामले में भी दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश को मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाता है।

इन्होंने लगाई याचिका

उदयपुर फाइल्स की रिलीज को रुकवाने के लिए महू निवासी विशाल मुकेश करोसिया और इंदौर के सदर बाजार मराठी मोहल्ला के मैकेनिक आबिद हुसैन बरकती ने वकील अब्दुल मजिद दरबारी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने इस फिल्म के निर्माता अमित जानी, फिल्म निर्देशक भरत एस. श्रीनेत, अभिनेता विजय राज, सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी सहित भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पार्टी बनाया था।

फिल्म निर्माता-निर्देशक के खिलाफ एफआईआर की मांग

मांग की गई थी कि इस फिल्म का प्रसारण रोका जाए क्योंकि फिल्म में मुस्लिम धर्म और पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक सहित पूरी टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी रखी थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने इसी तरह की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया।

वहां भी फिल्म पर रोक लग चुकी है। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में जो मुद्दे उठाए गए हैं, उसमें पहले ही विचार हो चुका है। इसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के समान इस याचिका का भी निपटारा किया जाता है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए इस फिल्म के पुनर्निरीक्षण के लिए केंद्र सरकार को अपील करने और केंद्र सरकार द्वारा इस पर फैसला नहीं होने तक इसके प्रदर्शन-प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

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