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दिल्ली में फिल्मी स्टाइल में ठगी, नकदी का झांसा देकर यूं लूटे 40 लाख, चार ठग गिरफ्तार

दिल्ली में ठगी की एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां कैश दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से 40 लाख रुपये ठग लिए गए. पीड़ित को नकली नोटों से भरा बैग दे दिया गया, जिसमें रखे नोटों पर ‘भारतीय रिजर्व बैंक’ की जगह ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’ लिखा पाया गया. पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल ठगी में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास से नकली नोटों के बंडल, कैश काउंटिंग मशीन और ठगी में इस्तेमाल की गई चीजें बरामद की गई हैं.

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जानकारी के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 6 जुलाई को हुई. दक्षिण दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि उसके साथ 40 लाख रुपये की ठगी हुई है. उसने बताया कि वह एक प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहा था. इसके लिए उसे बड़ी राशि नकद में चाहिए थी. इसी जरूरत के बीच उसकी मुलाकात कुछ लोगों से हुई, जिन्होंने दावा किया कि वे उसे तुरंत नकद उपलब्ध करा सकते हैं. उन्होंने उसे अपने बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा.

इसके बाद पीड़ित शख्स ठगों के गिरोह के सदस्यों से सीआर पार्क स्थित एक फ्लैट में मिला. वहां पहले से कई लोग मौजूद थे, जिन्होंने नोटों के भारी-भरकम बंडल दिखाए. पीड़ित का भरोसा जीतने के लिए उन बंडलों को नोट गिनने की मशीन पर गिना गया. पीड़ित ने बिना संदेह किए 40 लाख रुपये आरोपियों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. बदले में उसे एक नोटों से भरा बैग दिया गया. लेकिन घर पहुंचकर जब उसने बैग खोला, तो उसके होश उड़ गए. सारे नोट नकली थे.

उन पर ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’ छपा हुआ था. पीड़ित हैरान रह गया. उसे समझ आ गया कि उसके साथ ठगी हो चुकी है. इसके बाद उसने तत्काल सीआर पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी. शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपियों ने संपर्क के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड कॉल का इस्तेमाल किया था, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो रही थी. हालांकि, पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी.

डीसीपी (दक्षिण) अंकित चौहान ने बताया कि एक बैंक खाते से हुए लेन-देन का ब्योरा खंगाला गया. 9 जुलाई को सूचना के आधार पर इग्नू रोड के पास सैदुलाजाब स्थित एक फ्लैट पर छापा मारा गया. वहां से निखिल श्रीवास्तव (24), प्रिंसपाल (20) और परवेज अख्तर (43) को गिरफ्तार किया गया. अगले दिन असगर खान उर्फ बंटी (39) भी पकड़ा गया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह खास रणनीति के तहत ठगी करता था. वे हाई-प्रोफाइल इलाकों में घर किराए पर लेते थे.

एक कमरे में नकली नोटों से भरा ट्रंक होता था. दूसरे कमरे में एक बिस्तर होता था, जिसमें छेद बना होता था. नोट गिनने की मशीन एक टेबल पर रखी होती थी, जिससे ग्राहक को विश्वास दिलाया जाता था कि उसके सामने जो गिनती हो रही है, वह असली नोटों की है. इसके बाद असली नोटों के करीब 15 बंडलों को बार-बार घुमाकर दिखाया जाता था. गिनती पूरी होने के बाद इन नोटों को बिस्तर पर बैठे आरोपी को थमा दिया जाता था, जो गुप्त छेद से असली नोट नीचे गिरा देता था.

नीचे मौजूद दूसरा आरोपी उन्हें निकाल लेता और उसी वक्त ट्रंक में वापस नकली नोटों के बंडल डाल दिए जाते थे. सौदा पक्का होते ही ग्राहक को वही नकली नोटों से भरा बैग थमा दिया जाता था और कुछ दूरी पर ले जाकर छोड़ दिया जाता था. उधर, आरोपी फौरन किराए के फ्लैट से निकल जाते थे. पुलिस को गिरोह से 1.25 करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट, 7.5 लाख रुपये नकद, 4.5 लाख रुपये एक बैंक खाते में जमा, एक नकदी गिनने की मशीन और एक मोबाइल फोन मिला है.

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अन्य ठगी की घटनाओं को भी कबूल किया है. अब तक तुगलकाबाद में 1 करोड़ रुपये और छतरपुर में 30 लाख रुपये की ठगी के मामलों की पुष्टि हुई है. इसके अलावा स्पेशल सेल में भी एक एफआईआर दर्ज है. इस मामले की जांच कई पहलुओं पर जारी है. इस गिरोह के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं. फिलहाल, गिरफ्तार चारों आरोपियों से विस्तार से पूछताछ की जा रही है. पुलिस अन्य पीड़ितों की पहचान में भी जुटी हुई है.

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