भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा (LoC) पर आतंकियों को ढेर करके अग्निवीर मुरली नाइक ने कर्तव्य की राह पर अपने प्राणों की आहुति दे दी. आज जब उनका पार्थिव शरीर गृहनगर गोरंटला मंडल के कल्लिथंडा गांव, आंध्र प्रदेश पहुंचा तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई. देश के लिए मुरली नाइक के सर्वोच्च बलिदान पर नेताओं, अधिकारियों और नागरिकों ने समान रूप से भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
बचपन से देखा था देश सेवा का सपना
अग्निवीर मुरली नाइक, जिनका जन्म 8 अप्रैल 2002 को हुआ, ने बचपन से ही देश सेवा का सपना देखा था. 2022 के दिसंबर में, 20 वर्ष की आयु में, उन्होंने अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने सपने को साकार किया. नासिक में 6 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने असम में 1 साल तक सेवा की और वर्तमान में पंजाब में तैनात थे.
आंध्र प्रदेश के शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने अग्निवीर मुरली नाइक के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बेहद भावुक होकर मंत्री ने शहीद जवान के शोकाकुल माता-पिता से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि सरकार इस दुखद समय में उनके साथ खड़ी रहेगी. परिवार से बात करते हुए मंत्री लोकेश ने कहा, “राज्य मुरली नाइक की बहादुरी के सम्मान में नतमस्तक है. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.”
VIDEO | Andhra Pradesh Deputy CM Pawan Kalyan (@PawanKalyan) meets family members of Army jawan Murali Naik, who laid down his life during the cross-border shelling in Jammu and Kashmir's Poonch, in Sri Sathya Sai district.
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— Press Trust of India (@PTI_News) May 11, 2025
राज्य के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, मंत्री अनगनी सत्य प्रसाद, वंगालापुडी अनिता और सविता, सांसद बी.के. पार्थसारथी, पूर्व मंत्री पल्ले रघुनाथ रेड्डी और कलावा श्रीनिवासुलु, विधायक पल्ले सिंधुरा रेड्डी, एम.एस. राजू और जे.सी. प्रभाकर रेड्डी समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि मुरली नाइक को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
अग्निवीर मुरली नाइक के बलिदान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि उनके परिवार को भारत सरकार की अग्निपथ योजना के तहत क्या लाभ मिलेंगे, विशेष रूप से, क्या उन्हें शहीद का दर्जा मिलेगा? क्योंकि उनकी मृत्यु जंग के दौरान ड्यूटी करते हुई है. उनके परिवार को कितनी आर्थिक सहायता मिलेगी? आइए जानते हैं.
अग्निपथ योजना क्या है?
दरअसल, भारत सरकार की अग्निपथ योजना, जो 2022 में शुरू हुई, सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए एक क्रांतिकारी कदम माना जाता है. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है. अग्निपथ योजना भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना में युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने की एक अनूठी स्कीम है, जिसकी शुरुआत 14 जून 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी.
अग्निपथ योजना का उद्देश्य
इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को युवा, ऊर्जावान, और तकनीक-प्रवीण बनाना है. इस योजना के तहत 17.5 से 23 वर्ष की आयु के युवा ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती होते हैं. चार साल की सेवा में 6 महीने का कठिन प्रशिक्षण और 3.5 साल की तैनाती शामिल होती है. चार साल बाद, 25% अग्निवीरों को उनकी योग्यता के आधार पर स्थायी सैनिक के रूप में चुना जाता है, जबकि बाकी को ‘सेवा निधि’ पैकेज और स्किल सर्टिफिकेट के साथ समाज में पुनर्वास के लिए तैयार किया जाता है.
क्या मुरली नाइक को शहीद का दर्जा मिलेगा?
भारत सरकार की नीति के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को आधिकारिक रूप से ‘शहीद’ का दर्जा नहीं दिया जाता, क्योंकि यह शब्द सरकारी दस्तावेजों में परिभाषित नहीं है. हालांकि, ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के समान सम्मान और मुआवजा मिलता है. उदाहरण के लिए, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे हालिया संघर्षों में अग्निवीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उनकी वीरता को सेना द्वारा सराहा गया. ड्यूटी पर वीरगति को प्राप्त होने वाले अग्निवीर जवान मुरली नाइक के मामले में, उनके परिवार को वित्तीय सहायता और सम्मान मिलेगा, भले ही ‘शहीद’ शब्द का औपचारिक उपयोग न हो.
ड्यूटी पर मृत्यु होने पर मुरली नाइक के परिवार को क्या मिलेगा?
ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को निम्नलिखित सहायता मिलेगी:
बीमा राशि: 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर.
अनुग्रह राशि: 44 लाख रुपये की एकमुश्त अनुग्रह राशि.
सेवा निधि और कॉर्पस फंड: मृत्यु के समय तक जमा कॉर्पस फंड और सेवा निधि, जिसमें ब्याज शामिल है (लगभग 10-12 लाख रुपये).
शेष वेतन: चार साल की सेवा के बचे हुए कार्यकाल का पूरा वेतन (लगभग 13 लाख रुपये).
अतिरिक्त सहायता: सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन से 30,000 रुपये. कुल मिलाकर, परिवार को 1.65 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिल सकती है.
अग्निवीर को कितनी सैलरी और भत्ते मिलते हैं?
वेतन और भत्ते: पहले साल में मासिक वेतन 30,000 रुपये (21,000 रुपये इन-हैंड, 9,000 रुपये कॉर्पस फंड में) होता है, जो चौथे साल में बढ़कर 40,000 रुपये (28,000 रुपये इन-हैंड, 12,000 रुपये कॉर्पस फंड) हो जाता है. इसके अतिरिक्त, जोखिम, कठिनाई, राशन, और यात्रा भत्ते भी मिलते हैं.
सेवा निधि पैकेज: चार साल की सेवा के बाद, 11.71 लाख रुपये का टैक्स-मुक्त सेवा निधि पैकेज मिलेगा, जिसमें सरकार और अग्निवीर का कॉर्पस फंड योगदान शामिल है.
जीवन बीमा: 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर हर अग्निवीर को प्रदान किया जाता है.
स्किल सर्टिफिकेट: सेवा के दौरान मिले प्रशिक्षण को शिक्षा मंत्रालय स्नातक स्तर के क्रेडिट के रूप में मान्यता देता है, और इग्नू के विशेष डिग्री प्रोग्राम के तहत 50% क्रेडिट मिलता है.