छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तमंत्री ओपी चौधरी आज पेश करेंगे बजट, 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने का टारगेट

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार अपना दूसरा बजट आज पेश करेगी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस बजट को विधानसभा में दोपहर 12:30 बजे पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने नौ फरवरी 2024 को अपना पहला बजट पेश किया था।

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पिछला बजट एक लाख 47 हजार 446 करोड़ रुपये का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने का संकल्प शामिल था। इस बार का बजट एक लाख 60 हजार करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि यह बजट पिछले साल के बजट का अगला कदम होगा, इसका आकार अधिक होगा। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प की तर्ज पर 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण हमारा लक्ष्य है।

भूमि से कब्जा हटाने को बदलेगा कानून

राज्य सरकार सरकारी भूमि से कब्जा हटाने की प्रक्रिया को प्रभावी और सख्त करने जा रही है। इसके लिए छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को रविवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी। इस विधेयक को बजट सत्र के दौरान पेश करके पास कराने की तैयारी है।

चार संशोधन विधेयक विधानसभा में लाएंगे

इसी तरह चार नए संशोधन विधेयक विधानसभा में लाए जाएंगे। कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 को मंजूरी दे दी। यह नीति वर्ष 2024-25 की तरह ही लागू रहेगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 674 मदिरा दुकानें तथा प्रीमियम मदिरा दुकानों के संचालन को यथावत रखने का निर्णय लिया गया।

इसके साथ ही देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत रेट आफर के तहत होगी और विदेशी मदिरा का थोक क्रय व वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत रहेगा, लेकिन विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर लगने वाला 9.5 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त कर दिया गया है।

ईज आफ डूइंग बिजनेस को मिलेगा बढ़ावा

व्यापारिक सुगमता को बढ़ावा देने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

वर्तमान में 100 करोड़ रुपये से ऊपर की परियोजनाओं को पीएफआईसी द्वारा स्वीकृत किया जाता है और बड़ी आइटी परियोजनाओं की सशक्त समिति के माध्यम से अलग से मंजूरी अनिवार्य थी। इस कारण सशक्त समिति को समाप्त कर मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया।

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