इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर फिर विवाद हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को फिर से वापस लाएंगे. इसके लिए पहले बड़े स्तर पर सुझाव लिए जाएंगे.
सरकार के दोबारा से इलेक्टोरल बॉन्ड लाने की बात पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस बार वे कितना लूटेंगे.
इससे पहले 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक फंडिंग के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- यह स्कीम असंवैधानिक है. बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है. यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन है.
*जयराम रमेश ने X पर लिखा-* हम जानते हैं कि भाजपा ने PayPM ने घोटाले से 4 लाख करोड़ की लूट की. अब वे लूट जारी रखना चाहते हैं. जरा इन तरीकों पर ध्यान दें. PayPM: 1- चंदा दो, धंधा लो. 2. पोस्टपेड घूस- ठेका दो, रिश्वत लो. प्री-पेड और पोस्टपेड के लिए घूस- 3.8 लाख करोड़. 3. पोस्ट-रेड घूस- हफ्ता वसूली. पोस्ट-रेड घूस की कीमत- 1853 रुपए. 4- फर्जी कंपनियां- मनी लॉन्ड्रिंग. फर्जी कंपनियों की कीमत- 419 करोड़. अगर वे जीते और इलेक्टोरल बॉन्ड फिर से लेकर आए तो इस बार कितना लूटेंगे?
*कपिल सिब्बल ने कहा-* मैं निर्मला सीतारमण का सम्मान करता हूं. एक इंटरव्यू में वे कह रही हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड को फिर से लाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि जब पहली बार ये स्कीम ट्रांसपेरेंसी को ध्यान में रखकर लाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इसमें पारदर्शिता नहीं थी. वे (सरकार) इसे नॉन-ट्रांसपेरेंट तरीके से लेकर आए. अब समस्या है कि उनके पास इस चुनाव के लिए तो पैसा है, लेकिन वे ये भी जानते हैं कि अगर हार गए तो भी पैसे की जरूरत होगी. मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि वे इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं.