अंबिकापुर में ठेका कंपनी के संचालकों के खिलाफ FIR: बड़ी फर्म बनी तो पार्टनर को निकाला, फर्जी हस्ताक्षर के जरिए बैंक से निकाले रुपए

सरगुजा जिले में बड़ी ठेका कंपनी के चार संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. सभी पर गलत तरीके से पार्टनरशिप डीड में बदलाव कर एक पार्टनर को बाहर करने और होल्ड बैंक खाते को फर्जी हस्ताक्षर से करोड़ों रुपए निकालने का आरोप है.

Advertisement

यह FIR सीजीएम अंबिकापुर के आदेश पर कोतवाली थाना अंबिकापुर की पुलिस ने दर्ज की है. मामले में अंबिकापुर तहसीलदार के खिलाफ भी परिवाद पेश किया गया था, लेकिन उन्हें कोर्ट ने आरोपी नहीं माना है.

जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर सीजीएम न्यायालय में शिवशंकर तिवारी (41) ने शिकायत दर्ज कराई कि चंद्र किशोर तिवारी (70), अतुल तिवारी (55), आलोक तिवारी (65) और आरती देशमुख (35) निवासी अंबिकापुर और उमेश्वर बाज, तात्कालीन उप पंजीयक (वर्तमान तहसीलदार अंबिकापुर) ने मिलीभगत कर संयुक्त फर्म की डीड बदली.

बड़ी फर्म बनी तो पार्टनर को निकाला

संयुक्त भागीदारी की फर्म मेसर्स तिवारी कंस्ट्रक्शन वर्ष 2013 में कार्यालय सहायक पंजीयक फर्म और संस्थाएं बिलासपुर से पंजीकृत किया गया था. उक्त फर्म द्वारा भवन निर्माण का कार्य शासकीय टेंडर प्राप्त कर किया जाता है. शिकायतकर्ता शिवशंकर तिवारी ने परिवाद में बताया कि उक्त फर्म के समस्त कार्य और आहरण और संवितरण के लिए साल 2017 में अधिकार पत्र उनके पक्ष में किया था.

कई शासकीय टेंडर मिल जाने के कारण उक्त फर्म वर्तमान में एक बड़ी फर्म के रूप में विकसित हो गई है और फर्म का टर्न ओवर भी काफी बढ़ गया है. आवेदक द्वारा फर्म के समस्त कार्य करने के लिए बाजार से लगभग 2 करोड़ 30 लाख रुपए की सामाग्री उधार ली गई थी.

अनावेदकों से उस उधार सामग्रियों के भुगतान करने के लिए राशि की मांग की गई तो अनावेदकों ने यह कहते हुए इनकार कर दिया गया कि यह उधार आपने लिया है तो इसका भुगतान आप खुद अपने पास से करेंगें. शिवशंकर तिवारी ने फर्म के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा समता कॉलोनी रायपुर स्थित खातों को होल्ड करा दिया.

मेसर्स तिवारी कंस्ट्रक्शन प्रारंभ से कार्यालय सहायक पंजीयक फर्म्स और संस्थाएं बिलासपुर से पंजीकृत है. आवेदक को अंशपूंजी का भुगतान किए बगैर फर्म से बाहर कर दिया गया.

फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से निकाली राशि

परिवाद में शिवशंकर तिवारी ने बताया कि अनावेदकों ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया रायपुर में उक्त नए पार्टनरशिप डीड का प्रस्ताव और आवेदक के फर्जी हस्ताक्षर कर उसकी प्रति देकर 17 जुलाई 2024 को फर्म के दोनों खातो को अनहोल्ड करा दिया गया और उक्त खातों में जमा पूरी रकम को निकाल लिया.

सीजीएम के आदेश पर FIR

मामले में शिवशंकर तिवारी ने कोतवाली पुलिस और एसपी सरगुजा के समक्ष आवेदन पेश किया, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने सीजेएम सुमित कुमार हर्षयाना, न्यायालय अंबिकापुर में परिवाद पेश किया. मामले में सीजेएम न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने चंद्र किशोर तिवारी (70), अतुल तिवारी (55), आलोक तिवारी (65) और आरती देशमुख (35) के खिलाफ धारा 318(4), 319 (2). 320, 322, 336 (3). 338, 340 के तहत अपराध दर्ज किया है.

Advertisements