छिंदवाड़ा में कोर्ट ने 10 पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर 18 जून को सत्र कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। पुलिस अधिकारियों पर बिना प्राथमिक जांच के एफआईआर दर्ज करने करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन का मामला कोर्ट में दायर किया गया है।
दरअसल, चौरई क्षेत्र के थांवरीटेका के रहने वाले जितेंद्र ढाकरिया के खिलाफ उसकी पत्नी की बहन ने छेड़छाड़ और प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर संबंधित पुलिस थाने ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली। जितेंद्र का कहना है कि बिना किसी प्राथमिक जांच या तथ्यों की पुष्टि के सीधे मामला दर्ज किया गया, जो कानूनन गलत है।
कोर्ट में लगाया मानवाधिकार हनन का आरोप एफआईआर दर्ज होने के बाद जितेंद्र ने पुलिस अफसरों की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली। जितेंद्र ने मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 30 के अंतर्गत याचिका दाखिल की। कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख 18 जून तय की है।
न्यायालय से निष्पक्ष जांच की मांग जितेंद्र का कहना है कि केस दर्ज होने से न केवल व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा बल्कि मेरे मौलिक अधिकारों का भी हनन हुआ है। मैंने कोर्ट से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।