दतिया में मकान में आग लगने से जिंदा जले पति-पत्नी और 9 साल की बेटी की अर्थी साथ उठी। बुधवार को तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। हादसे में बचा बड़ा बेटा सदमे में है। वह मां-पिता और बहन को याद कर रहा है। उसका रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम है। घरों में चूल्हे नहीं जले।
दतिया के तिगरु गांव में मंगलवार दोपहर वीरू करण (37) के कच्चे मकान में आग लग गई थी। वीरू करण के साथ ही उसकी पत्नी सरस्वती (34), बेटा राम (7) और 9 साल की बेटी निधि आग की लपटों में घिर गए। वीरू ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। पत्नी और 9 साल की बेटी की रात में मौत हो गई। बेटे राम का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, 10 साल का बड़ा बेटा हादसे के समय बाहर खेल रहा था, इसलिए वह आग की चपेट में आने से बच गया।
हाईटेंशन में शॉर्ट सर्किट से भड़की आग
ग्रामीणों ने बताया, पहले आग वीरू के घर के बगल में कचरे के ढेर में लगी थी। इसके ऊपर से हाईटेंशन लाइन निकली है। हाईटेंशन लाइन में शॉर्ट सर्किट के बाद कचरे में आग लग गई। वीरू ने पानी डाल कर आग बुझा दी थी। इसके बाद परिवार के साथ झोपड़ी में सोने चला गया।
दोपहर में तेज हवा चल रही थी। कचरे के ढेर में अंदर ही अंदर फिर आग सुलग गई। उसी से उठी एक चिंगारी हवा के साथ झोपड़ी की कच्ची छत पर जा पहुंची। इससे छप्पर ने तेज आग पकड़ ली। परिवार कुछ समझ पाता इससे पहले ही छप्पर उन पर गिर गया।
ग्रामीणों ने अंदर फंसे परिवार को बाहर निकाला
परिवार की चीख पुकार सुन ग्रामीण मौके पर पहुंचे। टिल्लू पंप से आग बुझाने की कोशिश की। घर के अंदर फंसे परिवार को बाहर निकाला। चश्मदीद छोटू ने बताया, छप्पर गिरने से पूरा परिवार झुलस गया था। उन्हें बचाने में गांव के रविंद्र सेन, आकाश लोधी और ममेरे भाई रामनारायण कर्ण के भी हाथ झुलस गए। हम घायलों को इंदरगढ़ अस्पताल ले गए। रास्ते में ही वीरू ने दम तोड़ दिया। उसकी पत्नी और दोनों बच्चों को दतिया जिला अस्पताल रेफर किया गया।
मां-बेटी ने इलाज के दौरान तोड़ा दम
अस्पताल में डॉक्टरों ने वीरू को मृत घोषित कर दिया था। इधर, जिला अस्पताल में इलाज के दौरान रात करीब 9 बजे महिला सरस्वती और बेटी निधि की मौत हो गई। वहीं बेटे का इलाज जारी है। डॉक्टर उसकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर बता रहे हैं।