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MP में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को नहीं आता आग बुझाना! बोले- हमारी तो ट्रेनिंग भी नहीं हुई

मध्य प्रदेश में फायर ब्रिगेड में काम कर रहे कर्मचारियों को आग बुझाना नहीं आता. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि 350 ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें बिना किसी ट्रेनिंग के नौकरी पर महज 8 हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन में रख लिया गया. हैरत की बात तो यही है कि भोपाल सचिवालय से लेकर सतपुड़ा भवन में जब आग लगी तो एक कमरे की आग पूरी बिल्डिंग में पहुंच गई. ऐसे ही कई और भी मामले हैं, जब छोटी सी आग को काबू पाने में घंटों लग गए. TV9 भारतवर्ष ने इस मामले की पड़ताल की, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए. देखिए ये खास रिपोर्ट…

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगातार आग लगने की कई बड़ी घटनाएं सामने आती रहती हैं. कई बार हमने देखा है कि एक छोटी सी आग बड़ी आग में तब्दील हो गई. इसकी पड़ताल में सामने आया कि भोपाल में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को कई वर्षों से ट्रेनिंग ही नहीं मिली हैच. आज का दौर आधुनिक दौर है. विदेशों में कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल आग बुझाने में किया जा रहा है.

कई वर्षों से फायर डिपार्टमेंट में काम कर रहे फायरमैन से हमने बातचीत की. उन्होंने कहा कि इतने साल हो गए, जो डिप्लोमा किया था, उसी के आधार पर काम करते हैं. कई बार बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में आग लगी, मंत्रालय में आग लगी. आग बुझाने में काफी समय लगा. अगर हमें नई तकनीक या मशीन चलाना आता तो आग जल्दी बुझ सकती थी.

भोपाल के पुराने सचिवालय सतपुड़ा भवन में एक कमरे में आग लगी. आग इतनी फैली की पूरे भवन में ही आग लग गई.

भोपाल के सचिवालय वल्लभ भवन के 5वें फ्लोर पर आग लगी. एक कमरे की आग में पूरे फ्लोर को बर्बाद कर दिया.

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आग लगी. कई बच्चों की जान चली गई.

गोविंदपुर इंडस्ट्रियल इलाके में फैक्ट्री में आग लगी. छोटी सी आग पर काबू पाने में घंटों लग गए.

अब आपको वो आधुनिक तकनीक वाली फायर मशीन के बारे में बताते हैं. इस मशीन को चार साल पहले खरीदा गया था. इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है. इस मशीन का इस्तेमाल कभी भी आग बुझाने में नहीं किया गया. ये 50 मीटर ऊपर तक जा सकती है. इसका इस्तेमाल नहीं होने का कारण ये है कि किसी भी फायरमैन को इसे ऑपरेट करना ही नहीं आता. ये मशीन भोपाल पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ही रखे-रखे खराब हो रही है.

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

अब इस मामले पर कांग्रेस भी सरकार पर निशाना साध रही है. पूर्व मंत्री मुकेश नायक का कहना है कि भोपाल के पास कोई भी ट्रेंड फायर कर्मचारी नहीं है. यही कारण है कि छोटी सी आग बड़ी हो जाती है. इस मामले को लेकर हम भोपाल की मेयर के पास गए. हमने उनसे सवाल पूछा. जवाब सुनकर आपको ताज्जुब होगा की मेयर ने कहा कि मुझे आपके माध्यम से इसके बारे में जानकारी मिली है.

मुझे जानकारी नहीं कि फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की ट्रेनिंग हो रही है या नहीं. ये भी सही बात है कि ट्रेनिंग नहीं होने के कारण सही समय पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका. फिलहाल भोपाल में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं. जरूरी है कि सरकार इस पर तुरंत ध्यान दे, ताकि आग वाली घटनाओं को रोका जा सके.

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