बिलासपुर। सिम्स (छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज) में अब आग से होने वाले खतरों पर तत्काल नियंत्रण पाने अत्याधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया जा रहा है. हाल ही में इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है, जो अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा बदलाव साबित होगा. इसका उद्देश्य आग जैसी आकस्मिक घटनाओं के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया देना और जान-माल की रक्षा करना है.
वर्तमान में अस्पताल के विभिन्न वार्डों, गलियारों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा के उपकरण जैसे पाइपलाइन, पानी टंकी, और सेंसर युक्त स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. आने वाले दिनों में फायर सेफ्टी फीचर स्थापित होने के बाद आग लगने पर तत्काल नियंत्रण पाया जा सकेगा.
आग लगने पर आटोमेटिक काम हो जाएगा शुरू
फायर सेफ्टी प्रणाली के अंतर्गत सेंसर आधारित स्प्रिंकलर सिस्टम आग की पहचान होने पर खुद ही पानी छोड़कर आग को बुझाने में सक्षम होगा. वहीं, छत पर बनाई जा रही बड़ी पानी की टंकी से किसी भी आपातकालीन स्थिति में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. यह पूरा सिस्टम अस्पताल के सभी प्रमुख हिस्सों में लगाया जा रहा है. इससे सुरक्षा का स्तर और मजबूत होगा.
क्या है सिम्स की फायर सेफ्टी सिस्टम
– आग लगने पर तत्काल प्रतिक्रिया देने वाला सेंसर युक्त स्प्रिंकलर सिस्टम.
– छत पर बड़ी पानी की टंकी से आपातकालीन पानी आपूर्ति.
– सभी वार्डों, गलियारों और महत्वपूर्ण स्थानों में फायर सेफ्टी पाइपलाइन रहेगी, जिससे तत्काल प्रभावित क्षेत्र में पानी पहुंच सकेगा.
– आग लगने की स्थिति में जान-माल की स्तरीय सुरक्षा हो सकेगी.
हर समय भर्ती रहते हैं करीब 700 से मरीज
सिम्स में अलग-अलग डिपार्टमेंट के कुल 30 से ज्यादा वार्ड का संचालन होता है। यहां हर समय कम से कम 700 मरीज भर्ती रहते है. इनमें से आधे मरीज की स्थिति इतनी अच्छी नहीं रहती है कि आग लगने या अन्य विपदा आने पर खुद ही अपनी जान बचा सके. इसी वजह से सिम्स में कई बार आग लगने से भर्ती मरीजों को गंभीर परिणाम झेलना पड़ा है. अब फायर सेफ्टी फीचर लगने के बाद इस तरह की आपात स्थिति से आसानी से निपटा जा सकेगा.