उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद जिला बीती रात उस समय सनसनीखेज मुठभेड़ का गवाह बना, जब ₹50,000 के इनामी वांछित अपराधी नरेश का पुलिस ने अंत कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह बदमाश 30 सितंबर को मक्खनपुर थाना क्षेत्र में हुई दो करोड़ रुपये की कैश वैन लूट का मुख्य साज़िशकर्ता था
एनकाउंटर और ASP पर हमला
पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब नरेश ने बनीपुर वन क्षेत्र में हलपुरा अंडरपास के समीप पुलिस टीम को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई शुरू होने से पहले ही बदमाश द्वारा चलाई गई एक गोली सीधे एएसपी अनुज चौधरी की बुलेटप्रूफ जैकेट में जा धंसी, हालांकि गनीमत रही कि उन्हें कोई क्षति नहीं हुई. इस दौरान, रामगढ़ के थाना प्रभारी भी गोलीबारी में घायल हो गए. पुलिस की जवाबी गोलीबारी में नरेश को गोली लगी, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया.
हिरासत से भागा था नरेश
पुलिस ने सघन जांच के बाद पहले ही इस डकैती में शामिल छह शार्पशूटरों को गिरफ्तार कर उनसे 1 करोड़ रुपये बरामद कर लिए थे. शेष लूटी गई रकम की बरामदगी के प्रयास के तहत, हिरासत में लिए गए नरेश को पुलिस अलीगढ़ के एक स्थान पर ले गई, जहां उसने दावा किया था कि उसने ₹20 लाख छिपाए हैं. लेकिन पुलिस को चकमा देते हुए, वह रास्ते में ही फ़रार होने में कामयाब हो गया था. उसके भागने के बाद, आगरा रेंज के उप महानिरीक्षक ने उसकी गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले के लिए ₹50,000 का इनाम घोषित किया था.
पुलिस को बीते रविवार को एक गुप्त सूचना मिली, जिसके आधार पर उन्होंने नरेश का पता लगाया और उसे घेर लिया. मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने दो पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, कई कारतूस और भारी मात्रा में नकदी से भरा एक बैग बरामद किया है. फ़ोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की.
बदमाश का लंबा आपराधिक इतिहास
अलीगढ़ के खैर स्थित अरनी गांव का निवासी नरेश एक दुर्दांत अपराधी था, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा था. वह दिल्ली, फरीदाबाद और गाजियाबाद के विभिन्न थानों में डकैती, आर्म्स एक्ट और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत दर्ज कई संगीन मामलों में वांटेड था.