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सबसे पहले भस्म आरती में भगवान महाकाल को बंधेगी राखी, सवा लाख लड्डू का भोग लगेगा

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 9 अगस्त शनिवार को सबसे पहले रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को राखी बांधेंगी। इसके बाद अवंतिकानाथ को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाकर महाआरती की जाएगी।

भक्तों को दिनभर लड्डू महाप्रसादी का वितरण होगा। बता दें जो भक्त पूरे माह श्रावण का उपवास रखते हैं, वे भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही उपवास खोलते हैं। इसलिए राखी पर पूरे दिन पुजारियों द्वारा महाप्रसादी का वितरण किया जाता है।

भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं, इसलिए हिंदू धर्म के सभी प्रमुख तीज त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाए जाते हैं। इस बार 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार भी सबसे पहले राजा के आंगन में मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन करने के बाद दिव्य रूप में शृंगार किया जाएगा।

भगवान को राजसी वस्त्र आभूषण धारण कराए जाएंगे। इसके बाद पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को रखी बांधेंगी। भगवान को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। मंदिर के नैवेद्य कक्ष में महाभोग के लिए शुद्ध देशी घी से लड्डू बनाने का काम जारी है।

महाकाल के आंगन में खाचरौद व उज्जैन के कलाकारों ने बांधा समां

महाकाल के आंगन में गुरुवार को आयोजित श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या की 17 वीं सांझ रसरंजक रही। खाचरौद व उज्जैन के कलाकारों ने अपनी मंजी हुई प्रस्तुति से ऐसा समा बांधा की दर्शक मुग्ध हो गए। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान महाकाल महाकाल की पूजा अर्चना के साथ हुआ। इसके बाद मुख्य अतिथि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य पं.राजेश पुजारी ने कलाकारों का सम्मान किया।

पीआरओ गौरी जोशी ने बताया शाम का शुभारंभ डॉ. परमानंद गंधर्व के निर्देशन में खाचरौद के कलाकारों द्वारा दी गई ताल वाद्यों की सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ। कलाकारों ने एक साथ 11 प्रकार के ताल वाद्य बजाए। शुरुआत ताल तीनताल में राग जोग की बंदिश करत मन जग कल्याण की प्रस्तुति से की। विभिन्न वाद्यों के मिश्रित ध्वनि कानों में मिश्री घोल रही थी।

शाम की दूसरी प्रस्तुति उज्जैन की प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था की निदेशक पल्लवी किशन के निर्देशन में समूह कथक नृत्य की रही। नृत्यांगनाओं ने शिव स्तुति, राम स्तुति के बाद रुद्राष्टकम तथा भगवान गणेश की कथा पर आधारित भाव प्रस्तुति से मौजूदा लोगों को चमत्कृत कर दिया। मंदिर समिति द्वारा कार्यक्रम का सोशल मीडिया माध्यमों पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में हाईटे क एलइडी रथ के माध्यम से भी प्रसारण हो रहा है।

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