जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिससे आम घरेलू सामान और सेवाओं पर टैक्स कम होगा. इससे अगले वित्त वर्ष (2025-26) में रिटेल इंफ्लेशन 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक घट सकता है. एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए जीएसटी नियम लागू होने के बाद देश में महंगाई कम होगी
जीएसटी काउंसिल की 56वीं मीटिंग में पुरानी चार स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर (5%, 12%, 18%, 28%) को हटाकर दो स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर (5% और 18%) को मंजूरी दी गई. साथ ही, कुछ लग्जरी सामान और सेवाओं के लिए 40% की स्पेशल टैक्स दर तय की गई है, जिसके तहत रोजमर्जा की काफी चीजें सस्ती हो गई हैं और कुछ तो टैक्स फ्री ही हो गई हैं.
नई दरें कब से लागू होंगी?
तंबाकू और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स को छोड़कर नई टैक्स दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. रिपोर्ट कहती है कि 453 सामानों की जीएसटी दर में बदलाव हुआ है. इनमें से 413 सामानों पर टैक्स कम हुआ है, जबकि सिर्फ 40 सामानों पर टैक्स बढ़ा है. करीब 295 जरूरी सामानों पर जीएसटी 12% से घटकर 5% या 0% हो गई है. इससे खासकर खाने-पीने की चीजों पर 60% फायदा ग्राहकों को मिलेगा, जिससे कंज्यूमर वैल्यू इंडेक्स आधारित इंफ्लेशन 0.25 से 0.30% तक कम हो सकती है.
रिटेल इंफ्लेशन पर क्या असर होगा?
एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया कि इसके अलावा, सेवाओं पर जीएसटी दरों को रेशनाइलज बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर खुदरा मुद्रास्फीति में 0.40 से 0.45 प्रतिशत की और कमी आएगी. इसमें ग्राहकों को लाभ 50 प्रतिशत मिलने का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026-27 के दौरान रिटेल इंफ्लेशन में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कमी आ सकती है.
जीएसटी की औसत दर कितनी हुई?
जीएसटी काउंसिल के रेट रेशनलाइजेशन से सितंबर 2019 में औसत जीएसटी दर 14.4% से घटकर 11.6% हो गई थी. अब नए बदलावों के बाद ये और कम होकर 9.5% हो सकती है. नए जीएसटी नियमों से जरूरी सामान और सेवाएं सस्ती होंगी, जिससे महंगाई कम होगी और आम लोगों को फायदा होगा.