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वॉर जोन में मोदी… पहले पोलैंड जाएंगे, फिर यूक्रेन की सीमा में कीव तक करेंगे 10 घंटे की ट्रेन यात्रा, जानिए PM मोदी का पूरा टूर प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. वे 23 अगस्त को यूक्रेन राजधानी कीव पहुंचेंगे और करीब सात घंटे तक वहां रहेंगे. पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड के दौरे पर रहेंगे. उसके बाद ट्रेन से 10 घंटे का सफर तय करेंगे और कीव पहुंचेंगे. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद 30 से ज्यादा वर्षों में यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा. इससे पहले पीएम मोदी ने जुलाई में रूस का दौरा किया था. यूक्रेन और रूस के बीच करीब ढाई साल से युद्ध चल रहा है. दोनों देशों की सेनाएं युद्ध के मैदान में डटी हैं.

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सोमवार को भारत ने एक बयान में कहा, हम रूस-यूक्रेन के बीच शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद के लिए हरसंभव मदद देने के लिए तैयार हैं. विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा की और कहा, यह एक ऐतिहासिक यात्रा होगी. यूक्रेन की यात्रा से पहले पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे, जिसमें करीब 10 घंटे लगेंगे. वापसी भी उतनी ही अवधि की होगी. रूसी क्षेत्र में कीव के ताजा सैन्य हमले के बीच प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा हो रही है.

ट्रेन में सवार होकर कीव पहुंचेंगे पीएम मोदी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत कई वैश्विक नेता भी ट्रेन के जरिए कीव पहुंचे. ये नेता यूक्रेनी बॉर्डर के पास पोलिश ट्रेन स्टेशन से ट्रेन के जरिए कीव की यात्रा पर गए. पीएम मोदी की कीव यात्रा, मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है. उस समय अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की भी थी.

निरंतर जुड़ाव को आगे बढ़ाएगी यूक्रेन यात्रा

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ ठोस और स्वतंत्र संबंध हैं और ये साझेदारियां अपने दम पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को आगे बढ़ाएगी. लाल ने कहा, मैं यह कहना चाहूंगा कि इस यात्रा का उद्देश्य दूसरे के नुकसान से अपना फायदा पाना नहीं है. प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा भी की थी. कई विचारों पर चर्चा की गई थी.

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने पिछले एक साल में कुछ मौकों पर राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की और अब वे यूक्रेन में फिर से मिलेंगे. उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि ये स्वतंत्र व्यापक संबंध हैं और निश्चित रूप से जारी संघर्ष भी चर्चा का हिस्सा होगा.

भारत हरसंभव मदद देने को तैयार

यूक्रेन में संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर लाल ने कहा, भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद के लिए हरसंभव सहायता और योगदान देने को तैयार है. साथ ही उन्होंने मोदी और जेलेंस्की के बीच वार्ता के नतीजे का पूर्वानुमान लगाने से इनकार कर दिया. लाल ने कहा, भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत रुख बनाए रखा है कि कूटनीति और बातचीत से इस संघर्ष को हल किया जा सकता है जिससे स्थायी शांति हो सकती है.

उन्होंने कहा, इसलिए बातचीत बिल्कुल जरूरी है. स्थायी शांति सिर्फ उन विकल्पों के जरिए हासिल की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और सिर्फ बातचीत से ही समाधान हो सकता है. भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखे हुए है.

कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है भारत

लाल ने यह भी कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने के लिए लगातार कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है. लाल ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. युद्ध के मैदान में समाधान नहीं ढूंढे जा सकते. यह एक स्पष्ट और सुसंगत स्थिति है जिसे भारत ने अपनाया है और हमारा मानना ​​है कि अधिकांश देश इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं.

यूक्रेन के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह संबंध निरंतर और दीर्घकालिक हैं. लाल ने कहा, यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद 30 से ज्यादा वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा.

उन्होंने कहा कि मोदी-जेलेंस्की वार्ता में कृषि, बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य और शिक्षा, रक्षा और लोगों से लोगों के संबंधों सहित भारत-यूक्रेन संबंधों के संपूर्ण आयाम पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.

जेलेंस्की ने पीएम मोदी यूक्रेन आने का दिया था न्योता

मोदी ने जून में इटली के अपुलीया में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी. बैठक में मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को बताया कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपने साधनों के भीतर सब कुछ करना जारी रखेगा और शांति का रास्ता संवाद और कूटनीति के माध्यम से है. मोदी ने जेलेंस्की को यह भी बताया कि भारत यूक्रेन में संघर्ष का समाधान खोजने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है. बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था.

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