अगर आप मछली खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि गंगा में घुल रहे अपशिष्ट मछलियों के माध्यम से मानव शरीर में पहुंच सकते हैं, जो की बेहद हानिकारक हैं. कानपुर विश्वविद्यालय छत्रपति शाहूजी महाराज की एक टीम ने गंगा में मिली रोहू मछली पर एक रिसर्च करते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है.विश्वविद्यालय की लाइफ साइंस डिपार्टमेंट की टीम हेड विभाग की डीन प्रोफेसर वर्षा गुप्ता के साथ उनकी तीन सदस्यों ने रिसर्च की है.
रिसर्च सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम में रोहू मछली पर ही की गई है. जिसमें भारी मात्रा में आर्सेनिक, कैडमियम, कोबाल्ट, क्रोमियम, लेड के साथ ही थैलियम की सांद्रता अधिक मिली है. शोध टीम के सदस्यों ने कहा कि लोगों को मछली खाने में बहुत ही सावधानी की जरूरत है क्योंकि यह आपके पेट में अपशिष्ट के रूप में भारी धातु में पहुंच सकती हैं, जो की अपच हैं और काफी समय शरीर में बनी रहती हैं. अगर ऐसा होता है तो कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है.