छत्तीसगढ़ के कांकेर स्थित दुधावा जलाशय की मछली अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच गई है। कोलकाता के व्यापारी यहां से मछली खरीदकर ले जा रहे हैं। कोलकाता में प्रोसेसिंग कर फिलेट बनाने के बाद इसे अमेरिका भेजा जा रहा है।
दुधावा जलाशय में नील क्रांति और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 228 केज कल्चर स्थापित किए गए हैं। सहायक संचालक मछलीपालन समर सिंह कंवर के अनुसार, केज में पंगेसियस और तिलापिया मछली का पालन किया जा रहा है। प्रति केज 4 मीट्रिक टन उत्पादन होता है।
तिलापिया मछली पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग है। इस वर्ष दुधावा जलाशय से 140 टन मछली का निर्यात किया गया है। इन्सुलेटेड वाहनों से मछली को कोलकाता ले जाया जाता है। इससे केज संचालकों को लाखों रुपए की आमदनी हो रही है।
स्थानीय स्तर पर मछली का विक्रय जिले के फुटकर विक्रेताओं को भी किया जाता है। इस व्यवसाय से करीब 150 स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। मछलीपालन के क्षेत्र में कांकेर जिला छत्तीसगढ़ में अग्रणी स्थान रखता है।