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फर्जी सिम खरीद-फरोख्त मामले में उज्जैन से पांच आरोपी गिरफ्तार, ऑनलाइन फ्रॉड में होता था उपयोग

उज्जैन। नानाखेड़ा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो दूसरे के नाम से सिम लेकर उन्हें बेचता था और साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था। मामले में उज्जैन और देवास में रहने वाले दो युवकों सहित सिम खरीदने के लिए पश्चिम बंगाल से आए तीन अन्य युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 13 एक्टिव सिम और 43 इनएक्टिव सिम बरामद की है। उज्जैन में रहने वाले आरोपियों ने पूर्व में भी 60 सिम बेची हैं। पुलिस इनसे अब तक की गई वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है।

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एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मंगलवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि अक्षय पुत्र अजय तिरवार और कन्नौद जिला देवास का रहने वाला सादिक खान अन्य व्यक्तियों के नाम की मोबाइल सिम एक्टिवेट कर बेच रहे हैं। इन दोनों से पश्चिम बंगाल के कुछ युवक सिम खरीदने के लिए आए हैं और सभी तारामंडल के समीप खड़े हैं। पुलिस ने मौके पर दबिश देकर अक्षय तिरवार, सादिक खान के साथ शेख महिबुल, बाबन खान, साजन पुत्र हारून खान को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 13 एक्टिव सिम और 43 इनएक्टिव सिम जब्त की है।

पहले भी बेच चुके सिमें
आरोपी सादिक खान व अक्षय ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह दोनों नागदा निवासी मोंटी से सिम खरीदकर लाते थे। इसके बाद वह एक्टिव सिम पश्चिम बंगाल के लोगों को बेच देते थे। करीब 15 दिन पूर्व भी दोनों आरोपियों ने 70 सिम बेची थी।

साइबर ठगी में करते थे सिम का उपयोग
पश्चिम बंगाल के निवासी शेख महिबुल, बाबन खान व साजन खान ने पुलिस को बताया कि वह एक्टिव सिम उज्जैन से खरीदकर ले जाते थे और पश्चिम बंगाल में वह 950 रुपये में बेचते थे। इन सिमों का उपयोग साइबर ठगी में किया जाता था। ठग इन सिम को खरीदकर लोगों को कॉल करते और ठगी करते थे। दिनभर उपयोग करने के बाद इन सिमों को फेंक दिया जाता है। ठगाए लोगों की शिकायत पर जब पुलिस जांच करती तो सिम जिस व्यक्ति के नाम से एक्टिव की गई है पुलिस उस तक पहुंची थी। मगर संबंधित व्यक्ति को उसके नाम से सिम जारी होने की जानकारी तक नहीं रहती थी। ऐसे में ठग पुलिस गिरफ्त से बच जाते।

ऐसे जारी होती थी सिम
सादिक खान मोबाइल सिम को पोर्ट एवं नई सिम बेचने का काम सिम कंपनी की आईडी पर करता था। सिम खरीदने के लिए आए लोगों के फोटो लेता और उनके आधार कार्ड भी लेता था। फोटो और आधार कार्ड की कई कॉपी तैयार कर लेता और दो से तीन सिम संबंधित के नाम पर ले लेता था। जबकि सिम खरीदने आए व्यक्ति को एक ही सिम देता था। बाकी बची सिमों को वह ठगों को बेच देता था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा 419, 420, एवं 66 (सी), 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।

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