“अंतर्लीनता के पांच दशक और उस पार भी भारत का हुआ विमोचन”

सुलतानपुर : राणा प्रताप पी जी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह की दो पुस्तकें अंतर्लीनता के पांच दशक और उस पार भी भारत का लोकार्पण समारोह राणा प्रताप महाविद्यालय में हुआ.

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कृतिकार डॉ एम पी सिंह ने कहा कि अंतर्लीनता के पांच दशक मेरी राजनीतिक यात्रा और जीवन का वर्णन है जिसमें दुःख, सुख, सम्मान का चित्रण है. इसमें विद्यार्थी जीवन का उल्लेख है. उस पार भी भारत पुस्तक के संदर्भ में बोलते हुए कहा जब भी मैं भारत के पार यात्रा करता हूं ,तो भारत को तलाशता हूँ. उसका उल्लेख इन पुस्तक में है.

इस समारोह के मुख्य अतिथि दैनिक जागरण उत्तर प्रदेश के सम्पादक आशुतोष शुक्ल ने कहा कि पुस्तक पढ़ना अध्ययन नहीं वरन पुस्तक पढ़कर एक दृष्टि पैदा करना अध्ययन है. अपने जीवन को जाति के लिये नहीं वरन देश के लिये उत्सर्ग करना चाहिए. गीता इंसान को बहुत कुछ सिखाती है.

हम सांस्कृतिक सर्वहारा है। असहमति का स्वागत कीजिए. जो आपसे असहमत है,उसके पास तर्क होगा. व्यक्तियों की तरह देशों के भी संस्कार होते है. किताबे कल भी सबसे अच्छी दोस्त थी आज भी है कल भी रहेंगी. कार्यक्रम की अध्यक्ष पद्मश्री वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विद्या बिंदु सिंह ने कहा कि लेखक स्वयंभू होता है.

लेखक सब कुछ देखता हैं। ऋषियों की ज्ञान परम्परा का ऋण हम पुस्तक लिखकर चुका सकते है। पुस्तके ज्ञान की मशाल से समाज को प्रकाशित करती है. भारत के प्रति विश्व की आस्था बनी है। विशिष्ट अतिथि गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ महाविद्यालय महाराजगंज के प्राचार्य मेजर भगवान सिंह रहे उन्होंने कहा सेवानिवृत्त के बाद समाज के लिए कार्य करने के बेहतर अवसर मिलते है.

स्वागत भाषण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डी के त्रिपाठी ने दिया । सभी के प्रति आभार ज्ञापन महाविद्यालय के अध्यक्ष एडवोकेट संजय सिंह ने किया. सफल संचालन प्रो निशा सिंह ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंधक बाल चंद्र सिंह,पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी लखनऊ विश्वविद्यालय डॉ के डी सिंह, पूर्व प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय लखनऊ डॉ भारती सिंह, डॉ ए के सिंह, डॉ धर्मपाल सिंह,वरिष्ठ साहित्यकार राज खन्ना, डॉ राधेश्याम सिंह, इस अवसर पर ख्यातिलब्ध साहित्यकार , बुद्धिजीवी, मीडिया समूह, शिक्षकगण और गणमान्यजन उपस्थित रहा.

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